गणेश की जन्मस्थली,मां अन्नपूर्णा के साथ मंदिर में विराजते हैं गणपति बप्पा

Dehradun Milap : गणेश चतुर्थी पर पूरा देश भगवान गणेश की पूजा और अर्चना में जुटे हैं। पुराणों में इस दिन भगवान गणेश का जन्म माना गया है। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरुरी है कि भगवान गणेश की जन्मस्थली कहां हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार उत्तरकाशी के डोडीताल को भगवान गणेश की जन्मस्थली माना जाता है।

डोडीताल में एक बड़ा रहस्यमयी ताल है, इस ताल के पास माता अन्नपूर्णा का मंदिर है। मंदिर में मां अन्नपूर्णा के साथ गणेश जी विराजमान हैं। जबकि भगवान शिव का मंदिर बाहर अलग से हैं। मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खुलते हैं और शीतकाल में बंद रहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार उत्‍तरकाशी के डोडीताल में ही माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व द्वार की सुरक्षा के लिए अपने उबटन से गणेश भगवान को उत्पन्न किया था।

डोडीताल में गणेश जी के साथ उनकी माता पार्वती भी विराजमान हैं। यहां पार्वती माता की पूजा अन्नपूर्णा के रूप में होती हैं। डोडीताल के स्थानीय लोगों की बोली में भगवान गणेश को डोडी राजा कहा जाता है, जोकि केदारखंड में गणेशजी के डुंडीसर नाम का अपभ्रंश है। ताल की गहराई रहस्‍य डोडीताल समुद्रतल से 3,310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित खूबसूरत पहाड़ों से घिरा हुआ है।

डोडीताल एक से डेढ़ किलोमीटर में फैली झील है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस ताल में आज भी गणेश भगवान अपनी माता के साथ विराजमान हैं। आज भी इस ताल की गहराई रहस्‍य बनी हुई है। मंदिर के पुजारी डॉ राधेश्याम खंडूरी बताते हैं कि प्राचीन मंदिर कितना पुराना था, इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं है। लेकिन वर्तमान मंदिर 1958 में एक ठेकेदार ने अपने वचन के अनुरूप तैयार करवाया। जब जंगल में उसकी लकड़ी जलने लगी तो उसने मां को पुकारा, जिसके बाद अचानक से बारिश हुई और लकड़ियां बच गई। इसकेे बाद उसने मन्नत पूरी होने पर मं​दिर का निर्माण करवाया। 1991 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। मंदिर से आस्था 2012 में लोगों की ओर बढ़ गई, जब आपदा में ताल के आगे और नीचे बाढ़ आकर काफी नुकसान कर गई लेकिन मंदिर को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। ऐसे चमत्कार स्थानीय लोगों के लिए भगवान के प्रति आस्था को गहरा करते हैं।

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