उत्तराखंड में हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर हंगामा, कुमाऊं के वकील विरोध में, गढ़वाल के पक्ष में

Dehradun Milap : शुक्रवार को हुई बैठक में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के आह्वान पर अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट की बेंच की शिफ्टिंग का विरोध किया। समय के साथ, एक और बैठक को सोमवार को बार सभागार में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक के बाद रिजाल्यूशन को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

हाईकोर्ट के बार सभागार में हुई बैठक में, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता डीके शर्मा ने जताया कि हाईकोर्ट का स्थापना उसी स्थान पर होना चाहिए, जहाँ वह अभी है। वे इस विचार को समर्थन में प्रस्तुत करते हुए बताए कि इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार समेत विभिन्न स्तरों पर सहमति की लंबी प्रक्रिया होती है। इस लंबी प्रक्रिया के दौरान हाईकोर्ट की स्थापना के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं।

इसके अलावा विस्थापन की प्रक्रिया भी खुद पर सवाल उठा रही है। अनुराग बिसारिया ने सभी हाईकोर्ट के डिवीजन के साथ अपनी राय साझा करने की अपील की है। इसमें कांफिडेंसियल वोटिंग का भी मुद्दा उठा है, जिससे एकमत की राय स्थापित की जा सके।

हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से बीते दो दिनों से की जा रही बैठक सफल रही है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं समेत युवा अधिवक्ताओं की ओर से राय के साथ ही बेहतर सुझाव भी आए हैं। सोमवार को तथ्यों के अनुरूप अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे। अंतिम रायशुमारी के बाद बार मंगलवार को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष अपना लिखित पक्ष रखेगी

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