Dehradun Milap : उत्तराखंड में स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगने का काम शुरू होने वाला है। लेकिन मीटर लगने से पहले ही इसको लेकर कई तरह के सवाल लोगों के जहन में घूमने लगे हैं। इसके साथ ही इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि किसी निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार स्मार्ट मीटर लगा रही है।
साथ ही इससे बिजली के बिल में भी कई गुना वृद्धि होगी। यानि बिजली स्मार्ट मीटर लगने के बाद महंगी पड़ेगी। जबकि भाजपा का पक्ष है कि स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ताओं को बिजली के खपत से लेकर अन्य सभी परेशानियों से निजात मिल जाएगी।
प्रदेशभर में 16 लाख घरों पर प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का काम जल्द ही शुरू होने जा रहा है। जानकारों का कहना है कि प्रीपेड बिजली मीटर लगने के बाद दिन में बिजली सबसे सस्ती तो रात को सबसे महंगी मिलेगी। उपभोक्ताओ को पूरे 24 घंटे का बिजली का दाम एक जैसा ही नहीं देना होगा। दिन में यूपीसीएल सौर ऊर्जा खरीदता है जो कि दो से ढाई रुपये प्रति यूनिट मिलती है। लिहाजा दिन में उपभोक्ताओं को इसी हिसाब से सस्ती बिजली मिलेगी। रात को कोयले और गैस की बिजली से आपूर्ति होती है जो कि अपेक्षाकृत सात से आठ रुपये प्रति यूनिट मिलती है। लिहाजा, रात को बिजली के दाम महंगे होंगे। प्रीपेड मीटर लगाने का कोई शुल्क उपभोक्ता से नहीं वसूला जाएगा।
क्या फायदे-
- जितनी जरुरत होगी, उतनी बिजली खरीद पाएंगे।
- घर बैठे अपना बिजली रिचार्ज कर सकेंगे।
- बिजली बिल का झंझट खत्म होगा।
- रात में बैलेंस खत्म हुआ तो बिना रुकावट बिजली आपूर्ति जारी रहेगी।
- बिजली की खपत की पूरी जानकारी मोबाइल पर एप के माध्यम से मिलेगी।
- रियल टाइम उपभोग देखकर बिजली बचा सकेंगे।
- मीटर रीडिंग की जरूरत नहीं होगी।
- बिल पर लगने वाले ब्याज या विलंब शुल्क से छुटकारा मिलेगा।
- घर बैठे अपना बिजली रिचार्ज कर सकेंगे।
- प्रीपेड मीटर लगाने वालों को बिजली दर में चार प्रतिशत की छूट मिलेगी।
शिकायतें-
- निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश
- खपत से ज्यादा बिल आने का शिकायत
- सुरक्षा और रखरखाव उपभोक्ता से वसूला जाएगा।