Dehradun Milap : उत्तराखंड सरकार ने सहकारी संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है। यह निर्णय हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस कदम का उद्देश्य इन संस्थाओं में पुरुषों के वर्चस्व को खत्म करना है।
आधिकारिक स्तर पर बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर जारी इस आदेश से विभिन्न सहकारी निकायों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी। इनमें राज्य के 10 जिला सहकारी बैंक, 670 बहुउद्देशीय सहकारी समितियां और अन्य शीर्ष संस्थाएं शामिल हैं।
महिलाओं को कई प्रमुख संगठनों में आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। इनमें उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक, राज्य सहकारी संघ, आवास एवं निर्माण सहकारी संघ, क्षेत्रीय सहकारी संघ, उपभोक्ता सहकारी संघ और रेशम संघ शामिल हैं। राज्य के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला है। जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस पहल से उत्तराखंड में सहकारी क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। उनकी भागीदारी सुनिश्चित करके, सरकार का लक्ष्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना और इन संस्थाओं में महिलाओं को सशक्त बनाना है। यह आदेश समावेशी शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुल मिलाकर इस आरक्षण नीति का उद्देश्य सहकारी संस्थाओं में अधिक संतुलित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य इन संगठनों में महिलाओं को अधिक अवसर और जिम्मेदारियां प्रदान करना है।