कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर ईडी का शिंकजा,70 करोड़ से ज्यादा की करीब 101 बीघा जमीन को किया अटैच

Dehrdun Milap : उत्तराखंड कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत फिर मुसीबत में फंसते हुए नजर आ रहे है। हरक सिंह पर ईडी का शिकंजा फंसता जा रहा है। एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट देहरादून ने सहसपुर स्थित करीब 101 बीघा जमीन को अटैच किया है। जिसका बाजार में कीमत 70 करोड़ से ज्यादा बताई जा रही है।
इस बात की जानकारी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट की सोशल मीडिया साइट पर दी गई है। बताया गया है कि देहरादून में PMLA 2002 के प्रावधानों के तहत वीरेंद्र सिंह कंडारी और अन्य के मामले में देहरादून जिले में स्थित करीब 101 बीघा भूमि के रूप में अचल संपत्ति को अनन्तिम रूप से अटैच किया गया है।
इस भूमि का पंजीकृत मूल्य 6.56 करोड़ रुपए बताया गया है। जबकि इसका बाजार मूल्य 70 करोड़ से अधिक बताया गया है। बता दें कि इस भूमि के मामले में हरक सिंह रावत पहले भी मुसीबत में आ चुके हैं। हालांकि तब जांच के बाद कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी। तीसरी बार भूमि का मामला खुला है। इस बार केंद्रीय एजेंसी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने इस जमीन को अटैच किया है। कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर हजारों पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के साथ ही जमीन फर्जीवाड़े के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ​हरक सिंह पर कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि जिस भूमि को ईडी ने अटैच किया है, वह हरक के परिजन और करीबियों के नाम पर दर्ज है। जिस पर पर श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण किया गया। इस इंस्टीट्यूट का संचालन हरक सिंह रावत के पुत्र तुषित रावत के पास है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर हजारों पेड़ों के अवैध कटान और निर्माण के साथ ही जमीन फर्जीवाड़े के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी दिसंबर 2024 से ही जांच कर रही है। मामले में ईडी हरक की पत्नी दीप्ति रावत, हरक सिंह के पुत्र तुषित और उनकी करीबी रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा से पूछताछ कर चुकी है।

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