चारधाम यात्रा 2025: अब नहीं देना होगा इस काम के लिए कोई शुल्क

Dehradun Milap : चारधाम यात्रा 2025 के लिए बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जाने वाले वीआईपी अतिथियों को अब दर्शन के लिए शुल्क नहीं देना होगा. बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने वर्ष 2023 में वीआईपी दर्शन के लिए 300 रुपये शुल्क निर्धारित किया था, जिससे समिति को करीब डेढ़ करोड़ रुपये की आय हुई थी.लेकिन, इस बार राज्य सरकार इस शुल्क व्यवस्था को समाप्त करने जा रही है.

इस निर्णय की पुष्टि गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में 5 फरवरी को ऋषिकेश में हुई बैठक में की गई थी.10 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे, जिसमें यात्रा प्रबंधन से जुड़े विभागों के अधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक में यात्रा से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है.

बीकेटीसी ने 2023 में श्री तिरुपति बालाजी, श्री वैष्णो देवी, महाकालेश्वर और सोमनाथ मंदिरों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के बाद बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन के लिए 300 रुपये शुल्क लेने का प्रावधान लागू किया था.इस फैसले से मंदिर समिति को अच्छी खासी आय हुई, लेकिन इस व्यवस्था की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठने लगे.

सूत्रों के अनुसार, पिछले वर्ष पेटीएम से चंदा एकत्र करने और वीआईपी शुल्क के उपयोग को लेकर कई शिकायतें मिलीं.इसके अलावा, चारधाम यात्रा के दौरान हजारों वीआईपी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, जिससे उनसे प्राप्त शुल्क का लेखा-जोखा रखना मुश्किल हो जाता है.

इसके अलावा, बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में दर्शन करने वाले सभी श्रद्धालुओं को समान दर्जा दिया जाता है.ऐसे में सभी को एक समान दर्शन व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है.

चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है और इसे सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज (10 मार्च) को चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा बैठक करेंगे.इस बैठक में पर्यटन, लोक निर्माण, परिवहन, स्वास्थ्य, पुलिस, आपदा प्रबंधन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे.

इस बैठक में यात्रा मार्गों की स्थिति, सड़क सुधार कार्य, पार्किंग व्यवस्था, हेलीकॉप्टर सेवाएं, मेडिकल सुविधाएं और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा होगी.इसके अलावा, यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा
पर्यटन विभाग इस बार होली के बाद चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पंजीकरण शुरू करने की योजना बना रहा है.इस संबंध में अंतिम निर्णय आज मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लिया जा सकता है.
इस बार यात्रा पंजीकरण प्रक्रिया में आधार नंबर को अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है.इससे फर्जी पंजीकरण को रोकने और यात्रा की सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी.पर्यटन विभाग इस बदलाव को लागू करने के लिए यात्रा पंजीकरण पोर्टल को अपडेट करने का काम कर रहा है
चारधाम यात्रा मार्गों को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) पूरी तरह से सक्रिय हो गया है.विभाग ने यात्रा मार्गों की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर ली है और चिन्हित स्थानों पर सुधार कार्य जल्द शुरू होंगे.
लोक निर्माण विभाग के अनुसार, यात्रा शुरू होने से पहले सभी महत्वपूर्ण मार्गों की मरम्मत, चौड़ीकरण और डेंजर जोन को सुरक्षित करने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है.
चारधाम यात्रा मार्ग में शामिल ऋषिकेश-गंगोत्री, ऋषिकेश-यमुनोत्री, ऋषिकेश-बदरीनाथ और ऋषिकेश-केदारनाथ मार्गों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए इस बार उड़ानों की संख्या बढ़ाने और टिकट बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं.
चारधाम यात्रा 2025 को लेकर सरकार और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.वीआईपी दर्शन शुल्क समाप्त करने से अब सभी श्रद्धालु समान रूप से दर्शन कर सकेंगे.यात्रा मार्गों को सुगम बनाने, हेलीकॉप्टर सेवाओं को बेहतर करने और पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली चारधाम यात्रा समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है.सरकार का लक्ष्य है कि इस बार यात्रा पूरी तरह सुरक्षित, सुविधाजनक और श्रद्धालुओं के लिए सुखद अनुभव बने.

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