Dehradun Milap : शिव भक्तों को साल भर जिस पवित्र महिनें का इंतजार होता है। वह सावन मास चार जुलाई से शुरू हो रहा है। भगवान भोले के उपासक इस पूरे माह में जल चढ़ाने और भक्ति में लीन हो जाते हैं। इस बार तीन साल बाद फिर से दो माह तक सावन मास रहेगा। जिसमें आठ सोमवार मिलेंगे। हालांकि कांवड़ चढ़ाने के लिए दो सोमवार ही मिलेंगे। लेकिन जो महिलाएं सावन का व्रत या जल चढ़ाने का संकल्प लेती हैं वे सभी आठ सोमवार को जल चढ़ाती रहेंगी। हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाले सावन जो कि इस बार सबसे खास होने वाला है। इस बार सावन के महीने में आठ सोमवार आएंगे। इस बार 16 जुलाई को महाशिवरात्रि है। जबकि 17 जुलाई तक जल चढा सकते हैं।
प्रकाश चंद्र शास्त्री के अनुसार 18 जुलाई से अधिकमास शुरू हो रहा है। उन्होंने बताया कि अधिकमास में संक्रांति नहीं होगी। चंद्रमास में संक्राति नहीं होती है। जबकि जिसमें दो संक्राति होती है वह मलमास होता है। इन दोनों में ही हिंदू धर्म में पूजा पाठ का पुण्य नहीं मिलता है। इसी वजह से अधिकमास से पहले ही सावन में जल चढाने का पुण्य मिलेगा। जिसे हिंदू धर्म में निमित कर्म कहा गया है। हालांकि नैतिक कर्म के लिए पूरे सावन में भक्त जल चढ़ाने और पूजा पाठ कर सकते हैं। सावन एक की बजाय दो महीने का होगा और सावन में आठ सोमवार पड़ेंगे। जो कि 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त का चलेगा। पंडित प्रकाश चंद्र शास्त्री ने बताया कि कांवड़ चढ़ाने वाले भक्त 17 जुलाई तक जल चढ़ा सकते हैं। लेकिन जो सुहागिन सावन मास में व्रत और जल चढ़ाती हैं वे सभी 8 सोमवार यानि 28 अगस्त तक जल चढ़ाएंगी।
सावन के सोमवार
पहला सोमवार 10 जुलाई
दूसरा 17 जुलाई
तीसरा 24 जुलाई
चौथा 31 जुलाई
पांचवां 7 अगस्त
छठवां 14 अगस्त
सातवां 21 अगस्त
आठवां 28 अगस्त