Dehradun Milap : सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशासन दिवस के मौके पर इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को तोहफा दिया. दरअसल, सुशासन दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने वर्चुअल रूप से मजदूरों का बकाया 224 करोड़ रुपये का वितरण किया. बता दें कि इंदौर की हुकुमचंद मिल 1992 से दिवालिया होने के बाद बंद हो गई थी. जिसमें मजदूरों का 224 करोड़ रुपये बकाया रह गया था. इसके लिए मजदूरों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अब जाकर उसका भुगतान किया गया.
एक विज्ञप्ति के मुताबिक, मध्य प्रदेश सरकार की पहल पर राज्य हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड और श्रमिक संघ ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. उसके बाद 20 दिसंबर को हाईकोर्ट में निपटान राशि को जमा करा दिया गया.
इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने डिजीटली रूप से 322 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजना का भूमिपूजन भी किया. साथ ही 105 करोड़ रुपये से निर्मित परियोजनाओं को जनता को समर्पित किया. इस कार्यक्रम के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी मौजूद रहे. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को बीजेपी सुशासन दिवस के रूप में मनाती है.
इस मौके पर इंदौर में ‘मजदूरों के हित, मजदूरों को समर्पित’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने 60 मेगावॉट क्षमता के जल विद्युत संयंत्र का भी शिलान्यास किया.
इंदौर में आयोजत कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने वर्चुअल तरीके से लोगों को संबोधित भी किया. अपने संबोधन में पीए मोदी ने कहा कि, “आज का ये कार्यक्रम हमारे श्रमिक भाईयों और बहनों की वर्षों की तपस्या उनके कई वर्षों के सपनों और संकल्पों का परिणाम है.”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “मेरे परिवारजनों आज सांकेतिक तौर पर 224 करोड़ रुपये का चैक सौंपा गया है. आने वाले दिनों में ये राशि श्रमिक भाई बहनों तक पहुंचेगी, मैं जानता हूं कि आपने कई चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन आपके सामने अब सुनहरे भविष्य की सुबह है. इंदौर के लोग 25 दिसंबर की तारीख को श्रमिकों को न्याय मिलने के दिन को तौर पर याद रखेंगे.”