Dehradun Milap : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (25 जनवरी) उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का दौरा किया। पीएम मोदी ने बुलंदशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और राष्ट्र को समर्पित किया। ये परियोजनाएं रेल, सड़क, तेल, गैस, शहरी विकास और आवास जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं। इस दौरान अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र ने देश को कल्याण सिंह जी जैसा सपूत दिया है, जिन्होंने रामकाज और राष्ट्रकाज दोनों के लिए अपना जीवन समर्पित किया। आज वो जहां हैं वो अयोध्या धाम को देखकर बहुत आनंदित हो रहे होंगे। उन्होंने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि देश ने कल्याण सिंह जी और उनके जैसे अनेक लोगों का सपना पूरा किया है। लेकिन अभी भी सशक्त भारत के निर्माण का, सच्चे सामाजिक न्याय का उनका सपना पूरा करने के लिए हमें अपनी गति और बढ़ानी है।
मोदी ने कहा कि अयोध्या में मैंने रामलला के सानिध्य में कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा का कार्य संपन्न हुआ, अब राष्ट्र प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने का समय है। हमें देव से देश और राम से राष्ट्र के मार्ग को और प्रशस्त करना है। हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। उन्होंने कहा कि पहले लंबे समय तक यहां सरकार चलाने वालों ने शासकों की तरह बर्ताव किया। जनता को अभाव में रखने और समाज में बंटवारे का रास्ता उनके लिए सत्ता पाने का सबसे सरल माध्यम था। इसकी कीमत उत्तर प्रदेश की अनेक पीढ़ियों ने भुगती है। लेकिन साथ-साथ देश को भी इसका बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भारत का पहला नमो भारत प्रोजेक्ट पश्चिमी यूपी में ही शुरू हुआ है। यूपी के कई शहर मेट्रो सुविधा से जुड़ रहे हैं। सरकार के प्रयासों से आज पश्चिमी यूपी रोजगार देने वाले प्रमुख सेंटर में से एक बन रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि डबल इंजन सरकार का निरंतर प्रयास है कि गरीब और किसान का जीवन आसान हो। मैं योगी जी की सरकार को बधाई दूंगा कि उन्होंने नए पेराई सत्र के लिए गन्ने का मूल्य और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि गन्ना किसान हों, गेहूं या धान किसान हों, सभी किसानों को पहले अपने ही उपज का पैसा पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था। लेकिन हमारी सरकार किसानों को इस परिस्थिति से बाहर निकाल रही है। हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि मंडी में अनाज बेचने पर किसान का पैसा सीधे उनके बैंक अकाउंट में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज जो यूरिया की बोरी 3000 रुपए में मिल रही है, वही भारत के किसानों को 300 रुपए से भी कम में मिल रही है। यही नहीं, हमने नैनो यूरिया भी बनाया है, जिससे किसानों की लागत कम होगी।