राष्ट्रपति ट्रंप के जन्मजात नागरिकता आदेश को लगा एक और कानूनी झटका, संघीय जज ने लगाई देशव्यापी रोक

Dehradun Milap : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जन्मजात नागरिकता आदेश को एक और दूसरा कानूनी झटका लग गया है. पहले से ही 14 दिनों की रोक झेल रहे इस आदेश पर अब एक और संघीय जज के फैसले के बाद देशव्यापी रोक लगा दी गई है. डोनाल्ड ट्रंप के इस आदेश के पर अमेरिका के जिला न्यायाधीष डेबोरा बोर्डमैन ने बुधवार (स्थानीय समय) को कहा है कि देश की किसी भी कोर्ट ने ट्रंप के इस आदेश का समर्थन नहीं किया है. नागरिकता सबसे कीमती अधिकार है और उनकी अदालत भी इस आदेश के समर्थन में फैसला नहीं सुनाएगी.

बोर्डमैन ने इस आदेश को अस्थाई रूप से तब तक स्थगित कर दिया है जब तक इस मामले के गुण-दोष का समाधान नहीं हो जाता. जज बोर्डमैन का ये आदेश देने के बाद जब उन्होंने पूछा कि क्या जन्मजात नागरिकता के खिलाफ अपील दायर की जाएगी तो सरकारी वकील ने जवाब दिया कि उनके पास इस समय कोई स्थिति लेने का अधिकार नहीं है. बता दें कि ग्रीनबेल्ट के मैरीलैंड में स्थित बोर्डमैन की संघीय अदालत में अप्रवासी-अधिकार वकालत समूह CASA, असाइलम सीकर एडवोकेसी प्रोजेक्ट, कुछ गर्भवती महिलाओं ने जन्मजात नागरिकता को लेकर मुकदमा दायर किया था.

इससे पहले जन्मजात नागरिकता पर पहले ही फेडरल जज ने 14 दिनों की रोक लगा दी थी. इस आदेश को वाशिंगटन राज्य में चार राज्यों के दायर एक अलग मुकदमे को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है.

क्या है डोनाल्ड ट्रंप का जन्मजात नागरिकता आदेश?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आदेश दिया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से या वीज़ा पर रहने वाला कोई भी शख्स अमेरिका के अधिकार क्षेत्र के अधीन नहीं है, यानी उसे अमेरिका की नागरिकता नहीं मिलेगी. ये आदेश 20 फरवरी से लागू होने वाला है.

संविधान में क्या है प्रावधान?
दरअसल अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत जन्मसिद्ध नागरिकता को सुनिश्चित किया गया है, जिसके मुताबिक अमेरिकी धरती पर जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति वहां का नागरिक है. इसमें आंशिक रूप से कहा गया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या वहां नागरिक बने सभी लोग और उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और उस राज्य के नागरिक हैं.

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