Dehradun Milap : चमोली जिले के माणा गांव में हिमस्खलन में फंसे सभी मजदूरों का रेस्क्यू आज तीसरे दिन पूरा हो गया। आज शाम साढ़े पांच बजे आखिरी लापता श्रमिक का शव मिलने के साथ ही खोज और बचाव कार्य का समापन हुआ और मृतकों की संख्या बढ़कर आठ हो गई।
घटना में कुल 54 श्रमिक फंस गए थे। जिनमें से 46 लोगों को सुरक्षित बचाया गया और 8 की मौत हुई। माणा हिमस्खलन की घटना की जानकारी मिलते ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी तुरंत मोर्चा संभाला और प्रदेश की सभी एजेंसियों और सेना के साथ समन्वय स्थापित किया।
इस दौरान सीएम लगातार पूरे अभियान की मॉनिटरिंग करते रहे। दूसरे दिन सीएम धामी ने जोशीमठ और माणा गांव का स्थलीय और हवाई निरीक्षण किया। साथ ही घायलों से भी बातचीत की। सीएम ने अधिकारियों और घायलों का हौंसला बढ़ाया। उत्तराखंड जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि 28 फरवरी की सुबह उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में हुए भयावह ग्लेशियर हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली। जिसके बाद सबसे पहले भारतीय सेना की टीम, कमांडर आईबीईएक्स ब्रिगेड के नेतृत्व मे बचाव अभियान शुरू किया।
भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, सीमा सड़क संगठन और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों द्वारा चलाए गए निरंतर और पेशेवर बचाव कार्यों के कारण 46 लोगों के जान बचाई गई। इस बचाव अभियान मे कुल आठ हेलीकॉप्टर जिसमें सेना के पांच, वायु सेना के दो और सेना द्वारा किराए पर लिए हुए एक सिविल हेलीकॉप्टर लगाए गये। जिससे सभी बचाए गए व्यक्तियों को माणा पोस्ट से जोशीमठ मिलिटरी अस्पताल पहुंचाया गया। बचाव दल के द्वारा घायलों को निकालने में प्राथमिकता दी गयी। लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी-इन-सी, मध्य कमान तथा लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा, जीओसी, यू बी एरिया ने दुर्घटना स्थल पर पहुंच कर खुद बचाव अभियान का जायजा लिया। आर्मी कमांडर के पहल से आज बचाव अभियान हेतु एक ड्रोन-आधारित इंटेलिजेंट बौरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम के अतिरिक्त अन्य एडवांस उपकरण
सेना के द्वारा बचाव अभियान में कुछ अन्य संसाधनों जैसे, UAV, पाँच क्वाडकॉप्टर्स , तीन मिनी RPA ड्रोन, हिमस्खलन बचाव आर्मी डॉग (रॉबिन) तथा तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू टीम के सदस्यों का भी उपयोग किया गया।
रेस्क्यू पूरा, 46 सुरक्षित, 8 की मौत, जानिए तीन दिन कैसे चला अभियान
