Dehrdun Milap : उत्तराखंड के एसजीआरआर ग्रुप ने मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति लागू किया है। एसजीआरआर ग्रुप उत्तराखण्ड का पहला ग्रुप बन गया है, जहां महिला कर्मियों को मासिक धर्म अवकाश मिलेगा। जो कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय और मिशन के अन्तर्गत संचालित स्कूलों की शिक्षिकाओं, स्टाफ और अध्ययनरत छात्राओं को अवकाश दिया जाएगा।
श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन प्रबन्धन ने सर्कुलर जारी कर आदेश प्रभावी कर दिया है। मासिक धर्म अवकाश के अन्तर्गत मासिक धर्म के पहले दिन अवकाश की घोषणा की गई है। एसजीआरआर ग्रुप प्रबन्धन ने कहा कि इस तरह का अवकाश महिलाओं के कार्यबल को बढ़ाएगी और उन्हें कार्य के प्रति प्रोत्साहित करेगी।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय और श्री गुरु राम राय एजुकेशन मिशन ने मातृशाक्ति के नाम एक बड़ी पहल की है। एसजीआरआर ग्रुप ने अपने ग्रुप के संस्थानों में कार्यरत महिला कर्मियों के लिए मासिक धर्म अवकाश नीति घोषित की है। प्रबंधन ने कहा है कि मासिक धर्म में महिला कर्मियों को अवकाश जैसे संवेदनशील मुद्दे पर उदासीन परिणाम ही देखने को मिले हैं। ऐसे में एसजीआरआर ग्रुप का यह कदम स्वागत योग्य है। इस आदेश के अनुपालन में एसजीआरआर विश्वविद्यालय एवम् एसजीआआरआर एजुकेशन मिशन के अन्तर्गत संचालित सभी संस्थानों की महिला फैकल्टी स्टाफ व छात्राओं को मासिक धर्म अवकाश मिलेगा। कार्यरत महिलाओं के लिए यह सवैतनिक अवकाश होगा। एसजीआरआर उत्तराखण्ड का पहला संस्थान है जिसने मातृशक्ति की समस्या का संज्ञान लेकर मातृशक्ति के योगदान को प्रणाम किया है।
एसजीआरआर ग्रुप के मासिक धर्म सवैतनिक अवकाश नीति लागू करने के आने वाले समय में समाज में दूरगामी बेहतर परिणाम माने जा रहे हैं। उत्तराखंड में उठाए गए इस कदम को समाजसेवी वर्ग भी अच्छी पहल मान रहा है। समाजसेवी और वकील सुनीता प्रकाश का कहना है कि ये पहल अच्छी है। लेकिन इसके साथ साथ स्कूल, कॉलजों में इसको लेकर अवेयर करने की जरुरत है। इसके साथ ही मासिक धर्म के दौरान जिन चीजों की सबसे ज्यादा महिलाओं, छात्राओं को प्रॉब्लम फेस करनी होती है, उन सुविधाओं जैसे पेड्स आदि की भी व्यवस्था सबको सुनश्चित करनी होगी।