अप सी ब्रिज तैयार, पीएम मोदी इस दिन करेंगे उद्घाटन

Dehradun milap : साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में नए पांबन ब्रिज की आधारशिला रखी थी. अब ये बनकर तैयार हो गया है. एक दिन बाद यानी छह अप्रैल को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं. नए पांबन ब्रिज को सामरिक दृष्टि से भी बेहद खास और बेहद मजबूत माना जा रहा है. ब्रिज बन चुका है, जो अब देश की शान बढ़ा रहा है. समुद्र की लहरों के बीच मजबूती से खड़े इस ब्रिज ने दुनिया को भारतीय इंजीनियरिंग का लोहा मनवा दिया है.

नया पांबन ब्रिज भारत की एडवांस इंजीनियरिंग का एक उदाहरण है. इसकी लंबाई दो किलोमीटर है. ब्रिज पांबन द्वीप को मंडपम रेलवे स्टेशन से जोड़ता है. खास बात है कि ये देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट-अप सी ब्रिज है. आसान भाषा में समझाएं तो इस ब्रिज के एक हिस्से को लिफ्ट-अप किया जा सकता है, जिससे जहाज आसानी से ब्रिज के नीचे से गुजर सके. ब्रिज की लागत करीब 250 करोड़ रुपये है. पांबन ब्रिज में करीब 101 पिलर्स हैं, जिसकी गहराई 35 मीटर है.

पांबन ब्रिज समुद्र के बीच सीना ताने खड़ा रहेगा, जिस वजह इसे स्टेनलेस स्टील और खास तरह के पैंट से बनाया गया है. ब्रिज का जो लिफ्ट-अप वाला पार्ट है, उसका वजन 1470 मीट्रिक टन है. लिफ्ट-अप वाला पार्ट 17 मीटर तक ऊपर जा सकता है.

रेलवे प्रवक्ता दिलीप कुमार का कहना है कि ये स्टेट ऑफ द आर्ट ब्रिज है. इसकी लंबाई 2,078 मीटर है. खास बात है कि इस ब्रिज का हिस्सा पांच मिनट में ऊपर हो जाता है.

बगल में ही है पुराना पांबन ब्रिज
बता दें, नए पांबन ब्रिज के बगल में एक पुराना पांबन ब्रिज भी है. नए ब्रिज की ऊंचाई पुराने ब्रिज से तीन मीटर ज्यादा है. पुराने ब्रिज की उम्र 100 साल ही थी, जिस वजह से 2022 में ही उसे बंद कर दिया गया था. नया ब्रिज पुराने ब्रिज के करीब ही बनाया गया है. साल 1964 में धनुषकोडी में भयंकर तूफान आया था, जिस वजह से पुराने ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया था.

नए ब्रिज से श्रद्धालुओं को मिलेगी सहूलियत
नए ब्रिज के बनने से रामेश्वरम जाने वाले श्रद्धालुओं को आसानी हो गई है. रेलवे भी अब इस रूट पर ट्रेनों की संख्या को बढ़ा सकता है. रेलवे अगर अधिक ट्रेनें चलाता है तो ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए रामेश्वरम आ सकते हैं.

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