अमेरिका ने विदेश से आए 500 से अधिक छात्रों के वीजा रद्द किए, शिक्षा क्षेत्र में मचा हड़कंप

Dehradun Milap : ​अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के तहत, हाल के महीनों में 500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के छात्र वीजा रद्द किए गए हैं, जिससे विश्वविद्यालयों में चिंता और भ्रम की स्थिति है। इन वीजा रद्दीकरणों में कई मामलों में छात्रों को बिना स्पष्ट कारण या चेतावनी के अमेरिका छोड़ने के लिए कहा गया है, जिससे उनकी कानूनी स्थिति और भविष्य की शिक्षा पर अनिश्चितता बढ़ गई है। ​

ट्रंप प्रशासन ने विशेष रूप से प्रो-पैलेस्टीनियन प्रदर्शनों में शामिल छात्रों को निशाना बनाया है, उन्हें कथित तौर पर हमास का समर्थन करने के आरोप में वीजा रद्द किए गए हैं। यह कार्रवाई सोशल मीडिया गतिविधियों और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन के आधार पर की गई है, जिससे छात्रों में डर और असुरक्षा का माहौल बना है।​

प्रशासन ने “कैच एंड रिवोक” नामक एक पहल शुरू की है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी की जाती है, जिससे संभावित रूप से विवादास्पद गतिविधियों में शामिल छात्रों की पहचान की जाती है। इस पहल के तहत, छात्रों के वीजा रद्द करने की प्रक्रिया तेज़ी से की जा रही है, जिससे कानूनी और शैक्षणिक समुदाय में चिंताएं बढ़ रही हैं।​

इन घटनाओं ने विश्वविद्यालयों, छात्रों और मानवाधिकार संगठनों को आश्चर्यचकित कर दिया है, जो इस प्रक्रिया की पारदर्शिता और वैधता पर सवाल उठा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका में अध्ययन करना अब अधिक जोखिम भरा प्रतीत हो रहा है, जिससे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली की वैश्विक प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ सकता है।

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