Dehradun Milap : उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल रहा है धीरे-धीरे अब सर्दियां बढ़ने लगी है. वही पर्वतीय चोटियों में भारी बर्फबारी भी शुरू हो गई है वहीं बर्फबारी शुरू होते ही मंदिर के कपाट भी बंद होने लगे हैं.
शीतकाल के लिए बद्रीनाथ धाम समेत चारों धाम के कपाट बंद करने की तिथि और मुहूर्त तय किया गया है. बता दे कि बद्रीनाथ के कपाट 18 नवंबर को दोपहर 3:30 पर बंद किए जाएंगे. तो वहीं केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर्व पर 15 नवंबर को सुबह 8:30 पर और यमुनोत्री धाम के कपाट इसी दिन अभिजीत मुहूर्त और मकर लग्न में दोपहर 11:45 पर और और गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11:45 पर बंद किए जाएंगे. बता दे की चार धाम में अब तक करीब 50 लाख यात्री दर्शन कर चुके हैं.
विजयदशमी पर बद्रीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने आदि शंकराचार्य की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि घोषित की. इस मौक पर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ समिति मंदिर के अध्यक्ष अजेंद्र अजय भी मौजूद रहे वहीं पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया.
15 नवंबर को ही बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए रामपुर, 16 नवंबर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी और 17 नवंबर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी.
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया की देवी यमुना के शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली से शनिवार महाराज की डोली 15 नवंबर सुबह यमुनोत्री धाम पहुंचेगी.
कपाट बंद होने के बाद शनि महाराज की अगुवाई में ही देवी यमुना की डोली खरसाली के लिए प्रस्थान करेगी. इसी तरह मां गंगा की उत्सव डोली भी अन्नकूट पर कपाट बंद होने के बाद गंगोत्री धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल मुखिमठ के लिए प्रस्थान करेंगी.
विजयदशमी पर्व पर तृतीय बाबा तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में तय हुआ की धाम के कपाट 1 नवंबर को सुबह 11:00 बजे बंद कर दिए जाएंगे. वहीं पंचगद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में तय हुआ कि दितीय केदारनाथ मध्यमहेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को वृश्चिक लग्न में सुबह 8:00 बजे बंद किए जाएंगे.