Dehradun milap : कैबिनेट बैठक में UCC रिपोर्ट को मंजूरी दी। ऐसे में अब 6 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा के सत्र में यूसीसी विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। समान नागरिक संहिता पर कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र 5 से 8 फरवरी तक बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में रविवार शाम को मुख्यमंत्री आवास पर हो रही कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC ड्रॉफ्ट को मंजूरी दे दी है। इससे पहले राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी दी थी।
दरअसल, पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को UCC के ड्राफ्ट पर चर्चा करने के लिए कैबिनेट बैठक बुलाई थी, जिसमें पांच फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर चर्चा की गई, लेकिन बैठक में यूसीसी पर चर्चा नहीं हो सकी थी।
जिसके बाद धामी सरकार ने रविवार शाम 6 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें UCC ड्राफ्ट पेश किया गया। बैठक में सीएम धामी सहित कैबिनेट मंत्रियों ने बिल पर चर्चा की। बता दें कि पहाड़ी राज्य के लिए समान नागरिक संहिता विधेयक का मसौदा सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपा था। विधेयक का उद्देश्य राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए एक कानूनी ढांचा प्रदान करना है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। ऐसे मेंछह फरवरी को विधानसभा में पारित होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
रिपोर्टों के अनुसार, विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध, सभी धर्मों में लड़कियों के लिए एक समान विवाह योग्य आयु और तलाक के लिए समान आधार और प्रक्रियाएं लागू करना शामिल हैं।