Dehradun Milap : आज गंगा दशहरा का पावन पर्व है। जो कि गंगोत्री धाम से लेकर हरिद्वार तक धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज मां गंगा की विशेष पूजा और गंगा स्नान का विशेष महत्व है। गंगोत्री और हरिद्वार में आज के दिन विशेष पूजा अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।गंगोत्री धाम में आज सुबह पहले मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई। पुरोहित पंडा समाज व गंगोत्री मंदिर समिति ने राजा भगीरथ व मां गंगा की पूजा अर्चना की। इस दौरान देश विदेश से आए तीर्थयात्रियों के साथ स्थानीय देव डोलियां भी इस पावन अवसर की साक्षी बनीं। हर तरफ जय मां गंगे हर हर गंगे के जयघोष लगाए गए।
गंगोत्री धाम में आज गंगा दशहरा का पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मां भगवती गंगे की विशेष पूजा अर्चना की गई और तीर्थ पुरोहितों ने मां गंगा की मंत्रों के साथ आरती व पूजा सम्पन्न कराई। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा की पूजा और दर्शन किए। पूर्व सचिव पंडित दीपक सेमवाल ने बताया कि गंगा दशहरा पर्व मां गंगा के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि राजा भगीरथ की कठिन तपस्या के बाद मां गंगा आज धरती पर उवतरित हुई। राजा भगीरथ अपने पुरखों को तारने के लिए मां गंगा को धरती पर लाए थे। मां गंगा जीवनदान के साथ ही मुक्ति भी देती आ रही है। स्वर्ग लोक से देवी गंगा ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, बुधवार दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग की साक्षी में पृथ्वी पर अवतरित हुई थी।
उधर हरिद्वार में भी आज सुबह से ही भक्तों ने गंगा स्नान किया और घाटों पर विशेष पूजा अर्चना की। धर्म नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। मां गंगा अवतरण दिवस ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। कई दशकों बाद इस वर्ष गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग और व्यतिपात योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है।
इस दिव्य संयोग पर गंगा दशहरा पर्व पर गंगा में स्नान, दान व तप करने के कई गुना फल की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी स्नान पर्व के लिए पुलिस ने यातायात प्लान जारी किया है। बुधवार की रात 12 बजे से शहर में भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। पांच, छह, सात जून तक यातायात प्लान जारी रहेगा।
गंगा दशहरा पर्व: गंगोत्री से हरिद्वार तक स्नान,विशेष पूजा के साथ धूमधाम से मना, जानिए क्या है पौराणिक महत्व
