Dehradun Milap : उत्तराखंड में एक बार फिर गैरसेंण को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। हरीश रावत ने गैरसेंण को लेकर एक बयान देकर नया सियासी बवाल मचा दिया है।
हरीश रावत का दावा है कि गैरसेंण राजधानी और 9 नए जिले भी अस्तित्व में आ जाते अगर कांग्रेस के विद्रोही विधायक उस समय संवैधानिक संकट खड़ा नहीं करते।
हरीश रावत ने इन विधायकों को पापी करार दिया है, जिन्होंने उत्तराखंड की जनता के साथ छल किया है। हरीश रावत के इस बयान पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी पलटवार कर चुके हैं। जो कि हरीश रावत को चलती फिरती झूठ बोलने की मशीन करार दे चुके हैं। साथ ही उनकी उम्र को लेकर भी सवाल खड़े कर चुके हैं। इस सियासी बवाल में भाजपा, कांग्रेस के कई नेता कूद गए है।
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि भाजपा के पाले में गये उज्याडू़ बल्द जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए और भाजपा के प्रवक्ता गैरसैंण को लेकर मेरी तथ्यात्मक बात से बौखलाकर वक्तव्य दे रहे हैं। हरदा का दावा है कि यह सत्यता है कि जिस तेजी से और जिस दिशा की तरफ 2016 में हमारी सरकार चल रही थी और हमने जो बजट पारित करवाया था, यदि सरकार भंग नहीं होती और विधानसभा द्वारा पारित बजट प्रस्तावों को 4 महीने उलझा नहीं दिया गया होता तो गैरसैंण के यक्ष प्रश्न का भी आज समाधान होता और 9 जिले भी अस्तित्व में आ गए होते।
उन्होंने कहा कि भाजपा न केवल गैरसैंण के पापियों को अपनाए हुए है, भाजपा ने अब विधानसभा का भी एक संस्था के रूप में अवमूल्यन कर दिया गया है। विधानसभा में पारित नगर निकाय आदि को लेकर के स्पीकर द्वारा पारित घोषित विधेयक को प्रवर समिति को भेजना विधानसभा के अवमूल्यन का सबसे ज्वलंत उदाहरण है और भाजपा यही नहीं रुकी है नगर निकायों, नगर पालिकाओं आदि के चुनाव में आसन्न हार से घबराई हुई पार्टी ने माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना करने का भी रास्ता निकाल रहे हैं।