देहरादून में चलेंगी हवा में डबल डेकर बसें, जानिए नितिन गड़करी की जाम से छुटकारा दिलाने की क्या है प्लानिंग

Dehradun milap : देहरादून में जाम की समस्या का अब तक सरकार को कोई ठोस हल नहीं मिल पा रहा है। अब तक राज्य सरकार की ओर से कई प्रयास किए गए लेकिन देहरादून मे जाम खासकर वीकेंड पर जाम की समस्या बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में अब केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने इसका उपाय राज्य सरकार को सुझाया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का कहना है कि देहरादून में हवा में डबल डेकर बस चलाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ भी संभव है अगर आप की इच्छाशक्ति हो। उन्होंने सीएम धामी से इसको लेकर प्रस्ताव भेजने की बात की।
नितिन गड़करी ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं जब कभी उत्तराखंड या देहरादून आता हूं तो हर बार हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर से आता हूं। इस बार मैं गाड़ी से आया तो मालूम हुआ कि दून में जाम बहुत बड़ी समस्या है। इस संबंध में ग्राफिक एरा ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला ने भी बताया। ऐसे में मेरा एक सपना है और धामी जी को मैं कहूंगा आप प्रस्ताव भेजो, मैं हवा में चलने वाली डबल डेकर बस देहरादून में शुरू करवा दूंगा। उन्होंने कहा, हवा में चलने वाली डबल डेकर बस में सवा सौ-डेढ़ सौ लोग ऊपर ही ऊपर इधर से उधर जाएंगे। उन्होंने कहा, सब संभव है, बस हमें समस्याओं को समझना होगा।
जिसके बाद अब ये सवाल उठने लगा कि क्या आखिर ये सब देहरादून में संभव है। बता दें कि सरकार की तरफ से कई बार जाम की समस्या को देखते हुए कई प्रयोग हुए और कई प्रोजेक्ट तैयार किए गए। लेकिन अब तक किसी पर धरातल पर काम शुरू नहीं हो पाया। हालांकि हाईवे चौड़े होने और फ्लाईओवर बनने से काफी राहत मिली। लेकिन समय के साथ ये भी कम पड़ने लगे। अब सरकार ने रिस्पना ​बिंदाल पर ऐलिवेटेड रोड बनाने का निर्णय लिया है। जिससे मसूरी और ऋषिकेश जाने वाले पर्यटकों को बाहर से ही शहर से निकाला जाए। इससे भी शहर में जाम की समस्या कम हो सकती है। लेकिन शहर के जाम के लिए कुछ नया सोचना पड़ रहा है। इससे पहले मेट्रो, नियो मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट पर प्लानिंग हुई, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं बन पाया।
साल 2017 में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार ने देहरादून मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर विचार किया गया था। कई करोड़ रुपए लगातार डीपीआर तैयार की गई। इसके बाद उस डीपीआर को अप्रूवल के लिए साल 2021 में भारत सरकार को भेजा गया, लेकिन अभी तक भारत सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। देहरादून मेट्रो का प्रोजेक्ट फिलहाल ठंडे बस्ते में पड़ा है। इसी तरह नियो मेट्रो का प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में है। इसके अलावा देहरादून में पॉड टैक्सी चलाने पर भी विचार हो चुका है।

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