Dehradun Milap : देहरादून स्मार्ट सिटी एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। दरअसल स्मार्ट सिटी के कार्यकाल को एक बार फिर बढ़ाया गया है। जिसके बाद कांग्रेस ने स्मार्ट सिटी में हुए कथित घोटाले की बात उठाकर अब तक हुए कार्यों की सीबीआई जांच करने की मांग की है। हालांकि इससे पहले भी स्मार्ट सिटी के काम विवादों में रहे हैं। और अब एक बार फिर इस पर राजनीतिक बहस तेज हो गई है।
स्मार्ट सिटी के कार्यों की हो CBI जांच
देहरादून स्मार्ट सिटी के कामों पर यूं तो विवाद होना कोई नई बात नहीं है। सत्ताधारी दल के विधायकों से लेकर सरकार में मंत्री तक भी इसके कामों पर नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। उधर विपक्ष भी स्मार्ट सिटी के कामों में बड़े घोटाले होने की बात कहता रहा है। एक बार फिर कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धस्माना ने स्मार्ट सिटी के कामों में बड़ी गड़बड़ी होने की बात कहते हुए इसकी सीबीआई जांच करने की मांग कर दी है। खास बात ये है कि हाल ही में स्मार्ट सिटी के कार्यकाल को मार्च 2025 तक के लिए बढ़ाया गया था। जबकि इससे पहले भी समय-समय पर इसके कार्यकाल को बढ़ाया जाता रहा है।
स्मार्ट सिटी के ज्यादातर काम हो गए हैं पूरे
देशभर की तरह देहरादून स्मार्ट सिटी का काम 2017 से ही शुरू कर दिया गया था और 2021 तक इसे पूरा होना था। लेकिन लगातार इसके विवादों में आने और निर्माण एजेंसियों की धीमी गति के कारण अब तक भी इसके काम पूरे नहीं हो पाए हैं। बड़ी बात ये है कि एक तरफ कामों में हीला हवाली के आरोप लग रहे हैं।
दूसरी तरफ घोटाले के भी गंभीर आरोप स्मार्ट सिटी को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। हालांकि स्मार्ट सिटी देहरादून की सीईओ सोनिका मीना कहती है कि स्मार्ट सिटी की अधिकतर कार्यों को पूरा किया जा चुका है और अब महज एक या दो कामों पर ही काम होना बाकी रह गया है।