Dehradun Milap : उत्तराखंड से मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा को फिर से मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है।
अजय टम्टा का सरल स्वभाव और ईमानदार छवि और लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित होना भी उनके दोबारा मंत्री बनने का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
अजय टम्टा उत्तराखंड के इकलौत ऐसे सांसद बन गएहैं। जिन्हें मोदी सरकार में दोबारा ये मौका मिला है। इससे पहले पूर्व सीएम बीसी खंडूरी भाजपा की अटल बिहारी सरकार में मंत्री बनकर स्वतंत्र प्रभार का जिम्मा संभाला। उसके बाद रमेश पोखरियाल निशंक और अजय भट्ट को मोदी के दूसरे कार्यकाल में एक-एक बार ही ये मौका मिला। अजय टम्टा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही कपड़ा राज्य मंत्री बने। इसके बाद दूसरे कार्यकाल में निशंक और अजय भट्ट को मौका मिला।
इस बार जातीय समीकरण और पहले कार्यकाल के अनुभव का फायदा अजय टम्टा को मिला और वे फिर से मंत्री बनने के साथ ही नया रिकॉर्ड बनाने में सफल रहे। अजय टम्टा उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के करीबी भी माने जाते है। अजय टम्टा को मोदी सरकार में मंत्री बनाकर भाजपा ने एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश की है।
उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी क्षत्रिय और कुमांउ से आते हैं। जबकि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट गढ़वाल से ब्राह्रमण चेहरा हैं। धामी मंत्रिमंडल में भी गढ़वाल से अधिक चेहरे मंत्री बनाए गए हैं। ऐसे में अजय टम्टा को दलित कोटे से मंत्री बनाकर भाजपा ने एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश की है।
लोकसभा के चुनाव प्रचार के बीच गढ़वाल सीट से अनिल बलूनी को लेकर केंद्रीय नेताओं ने भी बलूनी को चुनाव जीतने के बाद बड़ी जिम्मेदारीमिलने के संकेत दिए। राजनाथ सिंह, अमित शाह ने बलूनी को जीताकर केंद्र में भेजने और बड़ी जिम्मेदारीदेने की मांग की। लेकिन माना जा रहा है कि गठबंधन सरकार होने और अनिल बलूनी गढ़वाल से ब्राह्रमण चेहरा की वजह से उनको मंत्रिमंडल में जगह न मिलना बड़ी वजह मानी जा रही है।
अजय टम्टा उत्तराखंड के इकलौत ऐसे सांसद बन गएहैं। जिन्हें मोदी सरकार में दोबारा ये मौका मिला है। इससे पहले पूर्व सीएम बीसी खंडूरी भाजपा की अटल बिहारी सरकार में मंत्री बनकर स्वतंत्र प्रभार का जिम्मा संभाला। उसके बाद रमेश पोखरियाल निशंक और अजय भट्ट को मोदी के दूसरे कार्यकाल में एक-एक बार ही ये मौका मिला। अजय टम्टा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में ही कपड़ा राज्य मंत्री बने। इसके बाद दूसरे कार्यकाल में निशंक और अजय भट्ट को मौका मिला।
इस बार जातीय समीकरण और पहले कार्यकाल के अनुभव का फायदा अजय टम्टा को मिला और वे फिर से मंत्री बनने के साथ ही नया रिकॉर्ड बनाने में सफल रहे। अजय टम्टा उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के करीबी भी माने जाते है। अजय टम्टा को मोदी सरकार में मंत्री बनाकर भाजपा ने एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश की है।
उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी क्षत्रिय और कुमांउ से आते हैं। जबकि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट गढ़वाल से ब्राह्रमण चेहरा हैं। धामी मंत्रिमंडल में भी गढ़वाल से अधिक चेहरे मंत्री बनाए गए हैं। ऐसे में अजय टम्टा को दलित कोटे से मंत्री बनाकर भाजपा ने एक साथ कई निशाने साधने की कोशिश की है।
लोकसभा के चुनाव प्रचार के बीच गढ़वाल सीट से अनिल बलूनी को लेकर केंद्रीय नेताओं ने भी बलूनी को चुनाव जीतने के बाद बड़ी जिम्मेदारीमिलने के संकेत दिए। राजनाथ सिंह, अमित शाह ने बलूनी को जीताकर केंद्र में भेजने और बड़ी जिम्मेदारीदेने की मांग की। लेकिन माना जा रहा है कि गठबंधन सरकार होने और अनिल बलूनी गढ़वाल से ब्राह्रमण चेहरा की वजह से उनको मंत्रिमंडल में जगह न मिलना बड़ी वजह मानी जा रही है।