Dehradun Milap : NEET-PG 2025 परीक्षा 15 जून 2025 को होने वाली है.पहले यह परीक्षा दो शिफ्ट में करवाने की योजना थी, लेकिन डॉक्टर्स और मेडिकल स्टूडेंट्स ने इसका जबरदस्त विरोध किया.
उनका कहना था कि दो शिफ्ट में अलग-अलग पेपर होने से सवालों की कठिनाई का लेवल अलग हो सकता है,जिससे कुछ स्टूडेंट्स को फायदा और कुछ को नुकसान हो सकता है. इसके अलावा नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस (स्कोर को बराबर करने की प्रक्रिया)पर भी सवाल उठे,क्योंकि ये पारदर्शी नहीं था.इस मुद्दे को लेकर यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF)और डॉ.अदिति समेत कुछ अन्य स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
याचिका में मांग थी कि NEET-PG 2025 को एक ही शिफ्ट में करवाया जाए,ताकि सभी स्टूडेंट्स के लिए बराबर मौका हो. साथ ही रॉ स्कोर,आंसर की और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला को पब्लिश करने की मांग भी की गई थी.
30 मई 2025 को जस्टिस विक्रम नाथ,जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एन.के.अंजारिया की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने साफ कहा कि दो शिफ्ट में परीक्षा करवाना मनमाना है और इससे स्टूडेंट्स के बीच बराबरी का माहौल नहीं रहता.अलग-अलग शिफ्ट में पेपर की कठिनाई का लेवल एक जैसा नहीं हो सकता,जिससे कुछ स्टूडेंट्स को अनफेयर फायदा या नुकसान हो सकता है.
NBE के पास अभी 15 जून तक काफी समय है, इसलिए वो एक शिफ्ट में सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से परीक्षा करवा सकता है.कोर्ट ने NBE को निर्देश दिया कि वो पूरा पारदर्शिता बनाए रखे और स्मूथ एग्जाम के लिए जरूरी इंतजाम करे.इसके पहले 5 मई 2025 को कोर्ट ने NBE,नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और हेल्थ मिनिस्ट्री से जवाब मांगा था. 23 और 26 मई को स्टूडेंट्स ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की थी,क्योंकि 2 जून को एडमिट कार्ड्स जारी होने वाले हैं.आखिरकार 30 मई को कोर्ट ने स्टूडेंट्स की मांग को मान लिया.