Dehradun Milap : नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद कम से कम 132 लोगों की मौत की खबर है जबकि 200 के करीब घायल हैं। भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भू महसूस किए आपदा के बाद नेपाल में राहत और बचाव कार्य के लिए भारत ने भीमदद का हाथ बढ़ाया है।
भूकंप के चलते नेपाल के कई जिले तबाह हो गए, कई इमारतें भूकंप के दौरान ध्वस्त हो गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया, उन्होंने एक्स पर कहा, भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ है और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
बता दें कि उत्तर-पश्चिमी नेपाल के जिलों में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले तेज भूकंप आया। अधिकारियों ने कहा कि भूकंप से कम से कम 132 लोग मारे गए और काफी संख्या में लोग घायल हो गए। बचावकर्मियों ने पर्वतीय गांवों में तलाशी अभियान चलाया है। कई दुर्गम जगहों पर संपर्क पूरी तरह टूट गया है, इसेस बचाव कार्य में देरी हो सकती है जिससे मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
नेपाल के भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज सैन्य अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूकंप प्रभावितों के लिए समर्पित अस्पताल बनाया गया है। नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एम्बुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं। भूकंप के समय अधिकतर लोग पहले से ही अपने घरों में सो रहे थे।
भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि इसके झटके 800 किलोमीटर दूर दिल्ली समेत,उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, भारत में इससे किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। उत्तराखंड में नेपाल से सटे पिथौरागढ़, चंपावत, समेत राजधघानी देहरादून, टिहरी, पौड़ी में भी तेज झटके महसूस किए गए।