पावन नगरी अयोध्या में खत्म हुआ 500 वर्ष का इंतजार ,गर्भगृह में विराजे रामलला ,पीएम मोदी ने की प्राण प्रतिष्ठा

Dehradun Milap :  राम भक्तों का करीब 500 साल का लंबा इंतजार आज खत्म हुआ । प्रभु श्रीराम आज अपने भक्तों पर कृपा बरसाने अयोध्या नगरी  मैं आ चुके हैं  । रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की विधि आज दोपहर 12.20 बजे शुरू हुआ । दोपहर एक बजे प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हुआ । प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से हुआ । विभिन्न राज्यों 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना के साक्षी बनें।

योगी आदित्यनाथ के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्व लौटकर आया है। संपूर्ण विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला भारत खड़ा होगा। जोश की बातों में होश की बात करने का काम मुझे ही दिया जाता है। आज हमने सुना कि प्रधानमंत्री जी ने यहां आने से पहले कठोर तप रखा। जितना कठोर तप रखा जाना चाहिए था, उससे ज्यादा कठिन तप रखा। मेरा उनसे पुराना परिचय है। मैं जानता हूं, वे तपस्वी हैं ही। परंतु, वे अकेले तप कर रहे हैं, हम क्या करेंगे? अयोध्या में रामलला आए। अयोध्या से बाहर क्यों गए थे? रामायणकाल में ऐसा क्यों हुआ था। अयोध्या में कलह हुआ था। अयोध्या में उस पुरी का नाम है, जिसमें कोई द्वंद्व, कलह और दुविधा नहीं। फिर भी 14 वर्ष वनवास में गए। दुनिया के कलह को मिटाकर वापस आए। आज रामलला वापस फिर से आए हैं, पांच सौ वर्ष के बाद। जिनके त्याग, तपस्या, प्रयासों से आज हम यह स्वर्ण दिवस देख रहे हैं, उनका स्मरण प्राण-प्रतिष्ठा के संकल्प में हमने किया।

इसके अलावा देश भर से तीन हजार अतिविशिष्ट लोगों और 4 हजार साधु-संतों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। सिनेमा, खेल, व्यापार जगत के दिग्गज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अयोध्या शहर में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं का जमावड़ा होने की उम्मीद की जा रही है।

शाम में होगा दीप प्रज्वलन

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह पूर्ण होने के उपरांत ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित कर दीपावली मनाई जाएगी। शाम को अयोध्या 10 लाख दीपों से जगमगाएगी। इसके साथ ही मकानों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और पौराणिक स्थलों पर ‘राम ज्योति’ प्रज्ज्वलित की जाएगी। अयोध्या सरयू नदी के तटों की मिट्टी से बने दीपों से रोशन होगी। रामलला, कनक भवन, हनुमानगढ़ी, गुप्तारघाट, सरयू तट, लता मंगेशकर चौक, मणिराम दास छावनी समेत 100 मंदिरों, प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे।

राम मंदिर के साथ-साथ पूरी अयोध्या सजकर तैयार

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो…यह गीत हम लंबे समय से सुनते आए हैं, लेकिन जिस रूप में आज मर्यादा पुरुषोत्तम की राजधानी अयोध्या नजर आ रही है, वैसा कभी पहले नहीं देखने को मिला। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर सजकर तैयार हो गया है। श्रीराम के मंदिर को फूलों से सजाया गया है। रामलला के नए घर को रौशनी से ऐसे संवारा गया है कि देखने वालों का मन आह्लादित हो उठे। मंदिर परिसर से लेकर गर्भगृह तक की अद्भुत शोभा मन मोहने वाली है। राम मंदिर ही नहीं, पूरी अयोध्या नगरी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के स्वागत में देवनगरी बनी हुई है।

अयोध्या और आसपास का माहौल राममय दिखाई देता है। अयोध्या को देव नगरी की तरह सजाने के काम में ‘राम नाम’ की गूंज ने उत्साह भरने का काम किया। राम मंदिर की सजावट कुछ ऐसी है कि नक्काशी के एक-एक नमूना रौशनी से नहाने के बाद मोतियों की तरह चमकने लगा। मंदिर के अंदर का मंडपम और उकेरी गईं कलाकृतियां मानो देव लोक की उत्कष्ट चित्रकला शैली का परिचय दे रही हों।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *