Dehradun Milap : केदारनाथ यात्रा को लेकर एक बार फिर स्थानीय पुरोहितों, व्यापारियों और श्रद्धालुओं में नया उत्साह देखने को मिल रहा है।
25 दिनों के बाद केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग घोड़े- खच्चरों के लिए खुल गए हैं। केदारनाथ यात्रा सबसे ज्यादा पैदल मार्ग और घोड़े- खच्चरों पर ही आश्रित है। ऐसे में यात्रा के लिए ये सुखद और अच्छी खबर है।
बता दें कि सितंबर और अक्टूबर दो माह में यात्रा अपने चरम पर रहती है। श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 31 जुलाई को अतिवृष्टि के चलते बंद हुए पैदल मार्ग घोड़े- खच्चरों के लिए 25 दिनों के भीतर ही खुल गए हैं। यात्रा मार्ग पर घोड़े- खच्चरों की आवाजाही के साथ ही घोड़े- खच्चरों से राशन एवं अन्य अनिवार्य सामग्री की आपूर्ति भी शुरू हो गई है। यात्रा मार्ग बाधित होने के 25 दिन बाद घोड़े खच्चर केदारनाथ पहुंचना शुरू हो गए हैं।
बीते 31 जुलाई की रात केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के कारण मार्ग ध्वस्त हो गया था। जिसके बाद सबसे पहले प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाया। सीएम धामी समेत शासन के आलाअधिकारियों ने यात्रा मार्ग को सुचारू करवाने के लिए पूरा प्रशासनिक अमले को जुटने के निर्देश दिए। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रुद्रप्रयाग नंदन सिंह रजवार ने बताया कि आपदा से 19 किलोमीटर पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन एवं निगरानी में तेजी से काम होने के चलते पैदल मार्ग के बाद घोड़े खच्चरों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। बता दें कि इस बीच हवाई यात्रा का संचालन जारी रहा। लेकिन मौसम कई बार बाधा बनता रहा। अब केदारनाथ धाम के लिए 15 सितंबर से पूरी तरह से हेली सेवा संचालित होगी। मानसून सीजन में सात कंपनियों ने हेली सेवा का संचालन बंद रखा है।
प्रदेश सरकार की अनुमति पर ट्रांस भारत और हिमालयन एविएशन कंपनी से हेली सेवा संचालित की जा रही है। केदारनाथ धाम के लिए गुप्तकाशी, सेरसी, फाटा से नौ कंपनियों के माध्यम से हेली सेवा संंचालित की जाती है, लेकिन मानसून सीजन में केदारघाटी में भारी बारिश व मौसम खराब रहने से कंपनियां हेली सेवा का संचालन बंद रखा। जो कि 15 सितंबर से अन्य कंपनियां भी हेली सेवा शुरू करेंगी।