Dehradun Milap : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में ‘एट होम’ कार्यक्रम की मेजबानी की। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और कई विदेशी राजदूत शामिल हुए।
दिन की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने स्वतंत्र भारत के सशस्त्र संघर्षों में सर्वोच्च बलिदान दिया। राष्ट्रपति के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी भी भारी बारिश में मार्च करते हुए स्मारक पहुंचे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी स्मारक पर मौजूद थे। इसी दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार अपने 12वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ को ‘विकसित भारत’ की नींव बताया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता की भावना रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, और खनन जैसे देश के हर क्षेत्र में फैल रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, जो व्यक्ति दूसरों पर बहुत अधिक निर्भर रहता है, उसकी स्वतंत्रता को लेकर बड़े सवाल उठते हैं। जब हम निर्भर हो जाते हैं, तो यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण होता है। हमें पता भी नहीं चलता कि कब हम आत्मनिर्भरता छोड़कर निर्भर हो गए। इसलिए हमें सतर्क और जागरूक रहना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा क्षेत्र में,‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की घोषणा की, जिसका उद्देश्य शत्रुओं को बेअसर करना और भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाना है। ‘सुदर्शन चक्र’ भगवान कृष्ण का पौराणिक हथियार है और इस मिशन से भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और तेज होगी, सटीक और शक्तिशाली जवाब देने की क्षमता बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा, अगले दस वर्षों में 2035 तक मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, सशक्तिकरण और आधुनिकीकरण करना चाहता हूं। भगवान श्री कृष्ण से प्रेरणा लेकर हमने सुदर्शन चक्र का मार्ग चुना है।