Dehradun Milap : विधानसभा चुनाव को लेकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा कुछ सवाल उठाए गए थे. इन सवालों पर चुनाव आयोग ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. आयोग ने अपने अधिकारिक बयान में राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह निराधार और भ्रामक करार दिया है. उन्होंने कहा है कि ये बयान भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और कानून व्यवस्था का सीधा अपमान है.
चुनाव आयोग ने साफ तौर पर कहा कि इन आरोपों के जवाब 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस पार्टी को भेज दिए गए थे, और वे तथ्य आज भी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. आयोग ने तंज कसते हुए कहा कि इन तथ्यों को जानबूझकर नजरअंदाज कर बार-बार वही मुद्दे उठाना केवल राजनीतिक शोर पैदा करने की कोशिश है.
चुनाव आयोग का प्वाइंट टू प्वाइंट जवाब
- मतदाता संख्या और मतदान दर: महाराष्ट्र चुनाव में कुल 6.40 करोड़ मतदाताओं ने 7 बजे सुबह से 6 बजे शाम तक मतदान किया. औसतन हर घंटे 58 लाख वोट पड़े. अंतिम दो घंटों में अपेक्षित 116 लाख वोटों के मुकाबले केवल 65 लाख वोट ही पड़े. तो फिर ‘अचानक बढ़ा मतदान’ का आरोप तथ्यहीन कैसे नहीं है?
- पोलिंग एजेंट सब देख रहे थे: हर मतदान केंद्र पर कांग्रेस समेत सभी दलों के अधिकृत पोलिंग एजेंट मौजूद थे. न तो रिटर्निंग ऑफिसर के पास और न ही चुनाव पर्यवेक्षकों के सामने कोई ठोस शिकायत दर्ज कराई गई.
- मतदाता सूची की वैधता: भारत में मतदाता सूची कानूनी प्रक्रिया के तहत तैयार होती है. महाराष्ट्र की मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से पहले सभी राजनीतिक दलों, कांग्रेस सहित को इसकी कॉपी दी गई थी.
- आपत्तियां नाम मात्र की: कुल 9.77 करोड़ मतदाताओं में से केवल 89 अपीलें जिला स्तर पर और 1 अपील राज्य स्तर पर की गई. इससे साफ है कि चुनाव से पहले किसी पार्टी को गंभीर आपत्ति नहीं थी.
- कांग्रेस ने खुद तैनात किए थे हजारों एजेंट: राज्यभर के 1,00,427 मतदान केंद्रों पर कांग्रेस ने खुद 27,099 बूथ लेवल एजेंट नियुक्त किए थे. फिर अब उन्हीं की निगरानी में तैयार मतदाता सूची को संदेहास्पद कहना, स्वयं अपने संगठन पर सवाल उठाना है.
- पहले ही दे चुके हैं जवाब: 24 दिसंबर 2024 को भेजे गए विस्तृत जवाब में चुनाव आयोग ने यह सब तथ्यों सहित स्पष्ट किया था. अब उसी मुद्दे को फिर उठाना राजनीतिक एजेंडे से प्रेरित प्रतीत होता है.
गौरतलब है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में ‘हेराफेरी’ का बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में कैसे धांधली की गई. उन्होंने इसे ‘चुनाव कैसे चुराया जाए?’ नाम शीर्षक दिया था.