Dehradun Milap : उत्तराखंड में अब सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी और कार्यालय आने जाने की मनमानी नहीं चलेगी। देरी से कार्यालय आने वाले कर्मचारियों पर अब अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं। महीने में एक दिन देरी से आने वाले को मौखिक चेतावनी, दो दिन वालों को लिखित चेतावनी, तीन दिन वालों का एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा, चार दिन वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने पहले ही 10 बजे तक सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति अनिवार्य करने के आदेश जारी किए थे, साथ ही बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने को भी निर्देश जारी किए गए थे। हालांकि सरकारी कार्यालयों में कई जगह बायोमेट्रिक मशीनें दुरस्त न होने से मैनुअल ही उपस्थिति दर्ज कराई जा रही हैं।
इस बीच शासन ने नया आदेश जारी किया है। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों व कर्मचारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी एक मई से अनिवार्य की थी। अब इसे लेकर सख्ती बरती जाएगी। सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से सभी प्रमुख सचिव, विशेष सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष, जिलाधिकारियों को इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश के अनुसार सभी अधिकारी-कर्मचारी समय से बायोमीट्रिक हाजिरी लगाएंगे। प्रतिदिन नामित अधिकारी सुबह 10:15 बजे बायोमीट्रिक हाजिरी के विवरण की समीक्षा करते हुए कार्यालय में देरी से आने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। सचिवालय कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए यह समय 9:45 बजे का है।
आदेश में कहा गया है कि महीने में एक दिन देरी से आने वाले को मौखिक चेतावनी, दो दिन देरी से आने वालों को लिखित चेतावनी दी जाएगी। तीन दिन देरी से आने वालों का एक दिन का आकस्मिक अवकाश काटा जाएगा। चार दिन या इससे अधिक बार देरी से दफ्तर पहुंचने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ये भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सूरत में ढीला रवैया नहीं चलेगा।
सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी बंद! देरी से दफ्तर आने वालों को पर होगी अब ये कार्रवाई
