Dehradun Milap : प्रदेश में हिमनद झीलों के जोखिम से निपटने के लिए 30 करोड़ मिलेंगे। 27 करोड़ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और तीन करोड़ राज्य सरकार देगी। इससे राज्य में हिमनद झीलों का अध्ययन, सेंसर लगाने समेत अन्य कार्य होंगे। इसके लिए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने 26 करोड़ का प्रस्ताव एनडीएमए को भेज दिया है।
राज्य में 347 हिमनद झीले हैं, इसमें चार संवेदनशील भी हैं। इसका उल्लेख राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने हिमनद विस्फोट बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम में किया है। कार्यक्रम के तहत पहले चरण में हिमनद झीलों के अध्ययन समेत कौन-कौन से कार्य किए जाने हैं, उसका जिक्र किया गया है।
राष्ट्रीय हिमनद विस्फोट बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम के तहत पहले चरण में उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू- कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश में कार्य किए जाएंगे। उत्तराखंड में 347 हिमनद झीलें हैं। इसमें चमोली में 192, उत्तरकाशी 83, पिथौरागढ़ 43, रुद्रप्रयाग 11, टिहरी गढ़वाल 10 और बागेश्वर में आठ झीलें हैं। रिपोर्ट में देश उच्च जोखिम वाली झीलों का उल्लेख किया गया है। इसमें चार झील हैं।