Dehradun Milap : आज से 10 दिन के बाद 01 जुलाई आ जाएगी., ऐसे में हर देशवासी के लिए जानना जरूरी हो जाता है कि 1 जुलाई आपके लिए खास क्यों है. क्योंकि इस दिन आपके कानूनी भाषा का रूप रंग सब बदल जाएगा. 1 जुलाई से इंडिन पीनल कोर्ट को आप नए नाम से जानेंगे. यही नहीं ज्यादातर धाराओं के नाम भी बदल जाएंगे. यानि अब ‘सीरियस क्राइम’ की धाराएं 302 और 307 नहीं रहेंगी. बल्कि संविधान ने इनके लिए अलग नाम दिया है. जिसे 1 जुलाई से लागू कर दिया जाएगा.
बीएनएस के नाम से जानी जाएगी (भारतीय न्याय संहिता)
आपको बता दें कि अभी देश में इंडियन पीनल कोड के नाम से दंड संहिता को जाना जाता था. लेकिन 1 जुलाई है अब BNS के नाम से जानी जाएगी (भारतीय न्याय संहिता). यही नहीं एफआईआर के हेड लाइन के साथ, सेक्शन, डिजिटल, फॉरेंसिक जांच के तौर तरीके सभी बदले जा चुके हैं. आपको बता दें कि नई भारतीय न्याय संहिता के बारे में देश के पुलिसकर्मियों के पिछले से एक साल से ट्रेंड किया जा रहा है. ताकि लागू होने के बाद किसी को भी कोई परेशानी फेस न करनी पड़े. यही नहीं आज दिल्ली के थानों में नई एफआईआर की डमी, और उसके दर्ज करने का रिहर्सल भी शुरू हो चुका है.
बीएनएस में अब इन धाराओं से पहचाने जाएंगे ‘सीरियस क्राइम’
रेप और पॉक्सो- बीएनएस 65 और 4 पॉक्सो (कम से 20 वर्ष की सजा या आजीवन कारावास, जुर्माना)
हत्या- बीएनएस 103 (1)- मृत्युदंड या आजीवन कारावास
मॉब लिंचिंग- बीएनएस 103 (2)- पांच से अधिक लोगों का ग्रुप मिलकर जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा को लेकर हत्याएं करता है, ऐसे ग्रुप के हर एक सदस्य को दोष साबित होने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा।
किडनैपिंग- बीएनएस 137- कम से कम सात साल और इससे अधिक की सजा, जुर्माना भी
फिरौती के लिए किडनैपिंग- बीएनएस 140 (2) मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा
स्नैचिंग- बीएनएस 304 – कम से कम तीन साल की सजा और जुर्माना
दंगा- बीएनएस 189/190/191/192/324/117/57/61/3(5)- कम से कम 7 साल की सजा
दहेज के लिए हत्या- बीएनएस 80 (2) – कम से कम सात साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा
एक्सिडेंट में मौत- बीएनएस 106(2)- अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माना
हत्या की कोशिश- बीएनएस 109- मृत्युदंड या आजीवन कारावास