Dehradun Milap : केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रतिस्पर्धा आयोग के 16वें वार्षिक दिवस समारोह में कहा कि प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2023 का अधिनियमन भारत में प्रतिस्पर्धा कानून के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस अधिनियम ने आयोग की प्रवर्तन क्षमताओं को मजबूत किया है और एक अधिक सहायक और पारदर्शी नियामक ढांचा बनाया है।
सीतारमण ने कहा कि संशोधन अधिनियम का एक प्रमुख प्रावधान लेन-देन मूल्य सीमा का समावेश है, जिसके तहत अब ₹2,000 करोड़ से अधिक मूल्य के सभी सौदों के लिए प्रतिस्पर्धा आयोग को पूर्व सूचना देना अनिवार्य है। यह विशेष रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था में प्रासंगिक है।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 का अधिनियमन भारत की केंद्रीकृत योजना व्यवस्था से बाजार-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर यात्रा में एक महत्वपूर्ण सुधार था, और आयोग उदारीकरण की भावना की रक्षा में एक प्रमुख संस्था के रूप में उभरा है।
सीतारमण ने कहा, “आज केवल एक संस्था का उत्सव नहीं है, बल्कि एक सिद्धांत की पुन: पुष्टि है कि बाजारों को कुछ लोगों के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए काम करना चाहिए।”