Dehradun Milap : कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। पाखरो रेंज घोटाले के मामले में हरक सिंह रावत को अब ईडी ने पेश होने के लिए नोटिस भेजा है।
उन्हें सोमवार को पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। बता दें कि इस मामले में बीते 14 अगस्त को सीबीआई भी रावत से पूछताछ कर चुकी है।
पाखरो रेंज घोटाले के मामले में वर्ष 2022 में विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में पूर्व डीएफओ किशनचंद समेत कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद विजिलेंस ने पिछले साल अगस्त में विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिचितों के संस्थानों पर छापे मारे थे। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को जांच सौंप दी गई। विजिलेंस ने इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए। इसी बीच ईडी ने भी इसका संज्ञान ले लिया।
बीते फरवरी 2024 में ईडी ने भी हरक सिंह रावत के घर और इससे जुड़े कुछ अधिकारियों के घरों पर छापे मारे थे। हरक सिंह के यहां से कुछ भी बरामद होने की सूचना नहीं थी। जबकि, एक अधिकारी के घर से कैश व अन्य सामान बरामद हुआ था। ईडी ने इस मामले में कई अधिकारियों से पूछताछ कर ली है। अब हरक सिंह रावत से पूछताछ होगी। इस मुद्दे पर अब जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा छोड़ने के बाद से हरक सिंह पर दबाव बनाया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि हरक सिंह को डरने की जरूरत नहीं है।
पाखरो टाइगर सफारी मामले में ईडी ने हरक सिंह रावत के साथ ही उनकी पत्नी उनके बेटे और उनकी बहू को भी पूछताछ के लिए समन भेज चुकी है। इससे पहले हरक सिंह रावत की करीबी लक्ष्मी राणा से भी ईडी पूछताछ कर चुकी है। ईडी के छापे में कई जगहों से एक करोड़ रुपये से अधिक का कैश और लाखों रुपये से अधिक के जेवर बरामद हुए थे। ईडी ने पिछले दिनों हरक सिंह रावत, आईएफएस अफसर सुशांत पटनायक आदि के यहां छापे मारे थे। इस दौरान पटनायक के घर पर नोट गिनने के लिए मशीन भी पहुंची थी। इस बीच आईएफएस अधिकारी सुशांत पटनायक से भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने लंबी पूछताछ की। अब तक जो जांच पड़ताल में सामने आया है, उसके अनुसार कार्बेट पार्क के कालागढ़ डिवीजन के पाखरों रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर 215 करोड़ के आसपास पैसा सही जगह नहीं लगा। इसमें मोटे कमीशन लेने का आरोप लगा है। जो कि विजिलेंस की जांच में बात सामने आई है।
जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरों रेंज के 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी बननी थी। 2019 में इसका निर्माण कार्य बिना वित्तीय स्वीकृत्ति के शुरू कर दिया गया। पेड़ काटने व अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया था। जिसमें अनियमितताएं सामने आई। इसके बाद मामला खुलता गया।