फेस्टिव सीजन में घर जाने वालों के लिए गुड न्यूज़, रेल टिकट कंफर्म नहीं होने पर भी कर पाएंगे एसी का सफर

Dehradun milap : ट्रेन से सफर करने वालों को सबसे ज्‍यादा परेशानी त्‍यौहारी सीजन और छुट्टियों में होती है, क्‍योंकि उस समय कंफर्म टिकट मिलना बहुत ही मुश्किल होता है, 120 दिन पहले बुकिंग शुरू होते ही वेटिंग चालू हो जाती है. ऐसे में परिवार के साथ सफर करने में परेशानी होती है. इन यात्रियों के लिए खुशखबरी है. उनकी परेशानी काफी हद तक कम हो सकेगी. वे लोग अनरिजर्व टिकट पर एसी सफर का मजा ले सकेंगे. जानिए रेलवे का प्‍लान-

मौजूदा समय पूरे देश में 10000 से अधिक ट्रेनें चल रही हैं. इसमें शताब्‍दी, राजधानी, वंदेभारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल हैं. इन ट्रेनों से रोजाना करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं. करीब 10 फीसदी यानी 20 लाख लोग रिजर्वेशन कराकर यात्रा करते हैं. पीक सीजन में सफर करने वालों की संख्‍या कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे ने योजना बनाई है.

अनरिजर्व कोचों में एसी लगाने में बाधा यात्रियों की संख्‍या को लेकर आ रही थी. मौजूदा सभी एसी कोचों में यात्रियों की संख्‍या तय होती है. 72 कंफर्म टिकट वाले और कुछ वेटिंग वाले कोच सवार होते हैं. इस तरह 80 के आसपास यह संख्‍या होती है, यात्रियों की संख्‍या के अनुसार उतनी क्षमता वाले एसी लगाए जाते हैं. अनरिजर्व कोच फुल होने पर यात्रियों की संख्‍या 250 के आसपास रहती है. इसलिए कोच और एसी की क्षमता का तालमेल बैठना जरूरी थी. रेलवे काफी समय से इस तरह के अनरिजर्व कोच बनाने की जद्दोजहद में लगा था.

हाल ही में भुज से अहमदाबाद के बीच चली नमो भारत रैपिड रेल में इस तरह के डिजाइन वाले कोच तैयार किया गए हैं. रेलवे इंजीनियर्स के अनुसार अनरिवजर्व कोच में यात्रियों की क्षमता तय नहीं होती है इसलिए अधिकतम 270 यात्रियों की क्षमता के अनुसार एक्‍सेल लोड रखा गया है, वहीं 15-15 टल के एसी लगाए गए हैं, जिससे फुल क्षमता होने पर कोच पूरी तरह से ठंडा रहे. जिस तहर अभी मेट्रो का सफर होता है. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार इस ट्रेन में ट्रायल किया जा रहा है. भविष्‍य इसी कंसेप्‍ट पर अनरिजर्व कोच तैयार कराए जाएंगे.

अनरिजर्व कोचों में शताब्‍दी-राजधानी की तुलना में दोगुना क्षमता वाले एसी लगाए जाएंगे. रेलवे के इंजीनियरर्स के अनुसार अभी शताब्‍दी,राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में आठ-आठ टन के दो एसी प्रत्‍येक कोच में लगे होते हैं,लेकिन अनरिजर्व कोच में 15-15 टन के दो एसी एक कोच में लगाए जाएंगे. जिससे कोच पूरी तरह से ठंडा रहे.

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