Dehradun Milap : उत्तराखंड में धामी सरकार तेजी से यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कदम बढ़ा रही है। इस बीच उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने एक बड़ा बयान दिया है। शादाब शम्स ने कहा है कि यूसीसी लागू होने पर वे सरकार से वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग करेंगे।
शम्स का कहना है कि यूसीसी के लागू होने के बाद इनकी प्रासंगिता खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि धामी सरकार समान नागरिक संहिता लाकर बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठा रही है, जो कि सबके हित में है।
उनका मानना है कि यूसीसी के बाद वक्फ बोर्ड जैसे संस्थानों की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि हर नागरिक समान कानून के दायरे में आ जाएगा। हालांकि शादाब शम्स के विचारों से कई बार धार्मिक गुरुओं को आपत्ति होती रही है। ऐसे में इस बार बोर्ड को भंग करने की बात को लेकर भी विरोध नजर आ सकता है।
उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में धामी सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है। यूसीसी नियमावली को लेकर बनाई गई समिति ने ड्राफ्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। माना जा रहा है 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर इसे लागू किया जाएगा।
यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बनेगा। इससे पहले इससे संबंधित औपचारिकता पूरी करली जाएंगी। मुख्यमंत्री बनते ही पुष्कर सिंह धामी ने पहली ही कैबिनेट में इसको लेकर एक कमेटी गठित की। सीएम धामी ने पहली कैबिनेट की बैठक में समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की। जिन्होंने सरकार को ड्राफ्ट सौंपा। इसके बाद इसके लिए नियमावलि तैयार हुई अब सरकार इसे लागू करने जा रही है। जिसको लेकर सरकार की ओर से अपने स्तर से तैयारियां तेज हो गई हैं।