BS-3 के पेट्रोल और BS-4 के डीजल वाहनों पर दिल्ली में रोक, वरना भरना होगा 20000 का चालान, इस तरह होगी पहचान

Dehradun Milap : दिल्ली-एनसीआर गैस के चैंबर में तब्दील हो गया है। आसमान में धुंध की चादर छायी है। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 500 के करीब पहुंच गया है। जिससे लोगों को सांस लेना भी दूभर है। प्रदूषण पर काम करने वाली एजेंसियों ने पूर्वानुमान में दो दिनों तक राहत नहीं मिलने की बात कही है। बिगड़ते हालात को देखते हुए कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी एंड मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) की मीटिंग हुई। जिसमें दिल्ली में  ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान  (ग्रैप)-3 को लागू करने का फैसला लिया गया है। जिसमें गैर-जरूरी निर्माण और तोड़-फोड़ के काम पर रोक शामिल है।

ग्रेप-3 लागू होने के बाद आज से अगले आदेश तक दिल्ली में पेट्रोल की बीएस-3 और डीजल की बीएस-4 इंजन वाली गाड़ियों को चलाने पर रोक लगी है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने ऑर्डर जारी किया। रूल तोड़ने पर 20 हजार रुपये का फाइन लगेगा। दिल्ली के पटेल नगर थाने के पास दिल्ली ट्रैफिक पुलिस कर्मी ऐसे वाहनों का चालान काटने में लगे हैं। दिल्ली में प्रदूषण के चलते ग्रैप-3 लागू होने के बाद दिल्ली मेट्रो ने अपने फेरे बढ़ा दिये हैं। डीएमआरसी ने बताया है कि पूरे नेटवर्क में 20 फेरे बढ़ाए गये हैं।

क्या है बीएस मानक?

BS मानक यूरोपीय नियमों पर आधारित हैं। अलग-अलग देशों में ये मानक अलग-अलग होते हैं, जैसे-अमेरिका में ये टीयर-1, टीयर-2 के रूप में होते हैं, तो यूरोप में इन्हें यूरो मानक के रूप में प्रयोग किया जाता है।

भारत में सर्वप्रथम उत्सर्जन नियमों की शुरुआत 1991 में हुई थी और तब ये नियम केवल पेट्रोल इंजन से चलने वाले वाहनों पर लागू होते थे।

BS यानी भारत स्टेज वाहन उत्सर्जन मानकों को केंद्र सरकार ने वर्ष 2000 में शुरू किया था। इसके बाद 2005 और 2006 के आसपास वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये BS-2 और BS-3 मानकों की शुरुआत की गई। लेकिन BS-3 मानकों का अनुपालन वर्ष 2010 में शुरू किया जा सका।

वाहनों से होने वाले उत्सर्जन के BS मानक के आगे संख्या-2, 3 या 4 और अब 6 के बढ़ते जाने का मतलब है उत्सर्जन के बेहतर होते मानक जो पर्यावरण के अनुकूल हैं। अर्थात् BS के आगे जितना बड़ा नंबर होगा, उस गाड़ी से होने वाला प्रदूषण उतना ही कम होगा।

BS-6 ईंधन का उपयोग शुरू करने के साथ ही भारत भी एशिया-प्रशांत राष्‍ट्रों यथा-जापान, दक्षिण कोरिया, हॉन्गकॉन्ग, ऑस्‍ट्रेलिया, न्‍यूजीलैंड, फिलीपींस और चीन की सूची में शामिल हो गया है। लेकिन चीन में केवल भारी वाहनों में ही BS-6 ईंधन का उपयोग होता है। सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अप्रैल, 2020 से पूरे देश में उत्सर्जन मानक बीएस-4 के अनुरूप मोटर वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका मतलब यह है कि 1 अप्रैल, 2020 से पुरानी जो भी गाड़ियाँ हैं वो सभी बीएस4 हैं जिनकी फिलहाल दिल्ली में एंट्री बंद की गयी है। सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रदूषण पूरे भारत में एक ‘खतरनाक और संकटपूर्ण’ स्तर पर पहुँच चुका है।

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