CDS अनिल चौहान ने स्वीकारा शुरुआती हवाई नुकसान, रणनीतिक सुधार से मिली बड़ी सफलता

Dehradun Milap : भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारतीय वायुसेना को प्रारंभिक हवाई नुकसान हुआ था। हालांकि, उन्होंने पाकिस्तान के छह भारतीय विमानों को गिराने के दावे को “पूरी तरह गलत” बताया। जनरल चौहान ने कहा, “महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे।” उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ प्रारंभिक रणनीतिक गलतियाँ हुईं, लेकिन उन गलतियों को पहचानकर उन्हें सुधारने के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर गहरे क्षेत्रों में सटीक हमले किए।

जनरल चौहान ने यह भी स्पष्ट किया कि संघर्ष के दौरान परमाणु युद्ध का कोई खतरा नहीं था और दोनों देशों के बीच संचार के चैनल खुले रहे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों को गंभीर रूप से कमजोर किया और भारतीय वायुसेना की रणनीतिक क्षमता को प्रदर्शित किया।

इस संघर्ष में भारत ने पाकिस्तान के 11 वायुसेना अड्डों पर सटीक हमले किए, जिनमें इस्लामाबाद के पास स्थित नूर खान एयरबेस भी शामिल था। इससे पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियाँ बुरी तरह प्रभावित हुईं और उसकी वायुसेना की क्षमता में पाँच वर्षों की गिरावट आई।

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