Dehradun Milap : श्री राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन के लिए सबसे पहले उत्तराखंड के 1500 श्रद्धालु विशेष ट्रेन से अयोध्या रवाना होंगे। जिसका पूरा खर्चा विश्व हिंदू परिषद उठाएगी। यह ट्रेन 25 जनवरी को देहरादून से चलेगी और हरिद्वार, बरेली होते 26 जनवरी को ट्रेन अयोध्या पहुंचेगी। 27 जनवरी को राम भक्त राम लला के सबसे पहला दर्शन करेंगे। 22 जनवरी को श्री राम जन्म स्थान पर बन रहे भव्य मंदिर में पुनः विराजमान होंगे। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 17 जनवरी से आरंभ होगा। 17 जनवरी को रामलला के पांच वर्ष की अवस्था की पांच फीट ऊंची प्रतिमा का नगर भ्रमण होगा।
18 जनवरी को जल व 19 को अन्नवास और 20 जनवरी को शैय्या वास होगा। 21 जनवरी विश्राम होगा। 22 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा आरंभ होगी। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि श्रीराम के 14 वर्ष वनवास के पश्चात अयोध्या आगमन का समाचार उत्तराखंड की विकट परिस्थितियों वाले दूरस्थ क्षेत्रों में एक माह पश्चात पहुंचा था, तो ईगास बग्वाल के रूप में देव दीपावली का भव्य त्योहार मनाया गया था। जो आज तक मनाया जाता है।
भगवान श्री राम 500 वर्षों के पश्चात अपने मंदिर में विराजमान होंगे। यह शुभ समाचार 22 जनवरी से पूर्व उत्तराखंड के आम जनमानस तक पहुंचेगा। विहिप नेता आलोक कुमार ने बताया कि देवभूमि उत्तराखंड के 16 हजार से अधिक ग्रामों के 20 लाख परिवारों में एक जनवरी से 15 जनवरी तक पहुंच कर हम संघ परिवार, अन्य हिंदू और सामाजिक संगठनों के साथ इस भव्य आयोजन के साक्षी बनने का निमंत्रण देने वाले हैं। उत्तराखंड के चार धाम सहित प्रत्येक ग्राम, शहर, स्थान के मंदिरों में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के दिन भव्य आयोजन किए जाएंगे। इसके लिए सभी मठ-मंदिर के पुजारियों से संपर्क स्थापित किया गया है। विश्व प्रसिद्ध संस्था गंगा सभा हरिद्वार तीन दिवसीय विशेष गंगा आरती के साथ दीपोत्सव के कार्यक्रम का आयोजन करेगी। उत्तराखंड में नानकमत्ता स्थित सिखों के पवित्र गुरुद्वारा में भव्य आयोजन किया जाएगा।