Dehradun Milap : उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा के लिए अब पंजीकरण की सीमित संख्या की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। पंजीकरण की लिमिट खत्म करने के साथ ही अब श्रद्धालुओं को किसी भी जगह पर रोका नहीं जाएगा।
यात्रा के एक माह बाद सरकार ने लिमिट को खत्म किया है। चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में श्रद्धालुओं का बैकलॉग खत्म हो गया है।
जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं, उनका पंजीकरण कर चारधाम यात्रा पर भेजा जा रहा है। पंजीकरण की संख्या अब सीमित नहीं है। ये जानकारी गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पाण्डेय ने दी है। इस तरह अब चार धाम के लिए पंजीकरण कर सीधे यात्रा कर सकेंगे। 10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा में अब तक 20 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन कर लिए हैं। जबकि 100 से ज्यादा मौत हो चुकी है। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं और बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारियों से समन्वय बनाकर रखें। समय-समय पर उच्चाधिकारी यात्रा व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण करें, और बेहतर व्यवस्थाओं के लिए जिलाधिकारियों का सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा प्राधिकरण बनाने के लिए, कर्तव्य और दायित्व निर्धारित किये जाएं। इसमें प्रशासन, मंदिरों, ट्रासपोर्टस, टूर एजेंटो एवं अन्य संबंधित पक्षों के साथ बैठक की जाए। उन्होंने कहा यात्रा मार्गों पर 42 सीटर तक की बसों की व्यवस्था सुनिश्चत की जाए।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा 10 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी. इस एक महीने में चारधाम यात्रा में अभी तक 19,61,912 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।.इसके अलावा 52,131 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब भी पहुंचे हैं। 9 जून तक 19,61,912 श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं. जिसमें से सबसे अधिक केदारनाथ में 7,66,818 , बदरीनाथ में 4,88,774 श्रद्धालु, यमुनोत्री में 3,56,305 श्रद्धालु और गंगोत्री धाम में 3,50,015 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। ।