Dehradun Milap : गंगोत्री धाम के कपाट आज शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। 12 बजकर 15 मिनट पर मां गंगा की डोली मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। आज रात डोली मार्केंडेय मंदिर में निवास करेंगी। जहां से कल 3 नवंबर को भैया दूज पर डोली शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव पहुंचेगी। इसके बाद 6 माह मां गंगा के दर्शन शीतकाल प्रवास मुखबा गांव में होंंगे।
तीर्थ पुरोहित पंडित राजेश सेमवाल ने बताया कि आज सुबह से ही गंगोत्री धाम में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान विशेष आरती व पूजन कर मां भगवती गंगा के स्वर्ण विग्रह को उनकी डोली में विराजित किया गया। 12:14 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए। इस पल के सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु साक्षी बने और भगवती मां गंगे के दर्शन किए।
जिसके बाद डोली शीतकालीन प्रवास के लिए रवाना हुई। कल 3 नवंबर को भैया दूज पर यमुनोत्री धाम व केदारनाथ के कपाट बंद किए जाएंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली खुशीमठ खरसाली गांव के लिए रवाना होगी। जहां 6 माह यमुना मैया के दर्शन होंगे। केदारनाथ भगवान की चल-विग्रह डोली के कार्यक्रम के मुताबिक, 3 नवंबर को चल-विग्रह डोली केदारनाथ मंदिर से सुबह 8:30 बजे प्रस्थान करेगी। फिर इसके बाद रात में विश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी। 4 नवंबर को डोली रामपुर से सुबह प्रस्थान करेगी और फाटा, नारायकोटी से गुजरते हुए रात को विश्राम के लिए श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
5 नवंबर को चल-विग्रह डोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से सुबह 8:30 बजे प्रस्थान करेगी, फिर सुबह 11:20 पर अपने शीतकालीन गद्दी स्थल पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। जहां अगले 6 महीने तक बाबा के दर्शन होते हैं। 4 नवंबर को तृतीय केदार, तुंगनाथ के कपाट भी बंद होंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद होंगे, जबकि द्वितीय केदार, मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे।