Dehradun Milap : होली से पहले के 8 दिन शुभ नहीं माने जाते. इन्हें होलाष्टक के नाम से जाना गया है। होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होती है। और समापन पूर्णिमा पर होता है। होलाष्टक में सभी तरह के मांगलिक कार्य पर पाबंदी रहती है। क्योंकि इस दौरान सभी ग्रहों का स्वभाव उग्र होता है । ऐसे में शुभ कार्य के परिणाम सुखदय नहीं होते।
होलाष्टक 2024 में कब खत्म होंगे
पंचांग के अनुसार इस साल होलाष्टक 17 मार्च 2024 से शुरू हुए थे । होलाष्टक की समाप्ति 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट पर होगी। इसी दिन रात में होलिका दहन किया जाएगा ।
इसके बाद 25 मार्च 2024 को रंगों की होली खेली जाएगी । होलाष्टक के 8 दिन तपस्या के होते हैं । इसके बाद रंग, गुलाल लगाकर खुशियों का त्योहार होली उत्सव मनाया जाता है ।
इस दिन से शुरू होंगे मांगलिक कार्य
होलाष्टक के समाप्त होते ही शुभ और मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे । यानी 24 मार्च के बाद से विवाह, गृहारंभ, गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि जैसे शुभ कार्य फिर से किए जा सकेंगे । इस बार होली पर 25 मार्च 2025 को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है ।हालांकि ये भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन एहतियात के तौर पर रंगों की होली के बाद ही शुभ कार्य करना अच्छा होगा ।
होलाष्टक में करें ये काम
होलाष्टक के 8 दिन सदाचार, ब्रह्मचर्य, संयम बनाए रखें । इस दौरान नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती है ।जो बनते कार्य को बिगाड़ सकती है। इसलिए मंत्र जाप निरंतर करें ।मंत्रों की शक्ति हमारे जीवन को संतुलित बनाए रखने का काम करती है ।