अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने इमिग्रेशन पर सख्ती बढ़ाते हुए बड़े बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत वर्क परमिट की अधिकतम समय सीमा को 5 साल से घटाकर 18 महीने कर दिया गया है।
ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को अमेरिका में इमिग्रेशन नियमों में बड़े बदलाव की घोषणा की है। इसके तहत शरणार्यिों और दूसरे कानूनी तौर पर सुरक्षित इमिग्रेंट्स के अमेरिका में काम करने के समय को तेजी से कम करते हुए वर्क परमिट की अधिकतम समय सीमा को 5 साल से घटाकर 18 महीने कर दिया गया है। यह बदलाव इमिग्रेशन नियमों को कड़ा करने की कोशिश में अब तक के सबसे बड़े कदमों में से एक है। अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने अपने बयान में कहा कि यह बदलाव सुरक्षा समीक्षा की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए किया गया है।
नेशनल गार्ड पर हमले के बाद ऐक्शन
USCIS ने वर्क परमिट के लिए मैक्सिमम वैलिडिटी पीरियड को कम करने यह पक्का होगा कि अमेरिका में काम करने की चाहत रखने वाले लोग सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बनें या नुकसानदायक एंटी-अमेरिकन सोच को बढ़ावा न दें। घोषणा में पिछले सप्ताह वॉशिंगटन में नेशनल गार्ड के दो सदस्यों पर हमले का जिक्र किया गया है और इसे इस बात का सबूत बताया गया कि ज्यादा रेगुलर जांच की जरूरत है। अमेरिकी इमिग्रेशन एजेंसी USCIS के डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने कहा कि हमले के बाद यह और भी साफ हो गया है कि USCIS को विदेशियों की नियमित जांच करनी चाहिए।
अब मैक्सिमम वैलिटिडी पीरियड 5 साल
बदले नियमों के तहत शरणार्थी और इमिग्रेंट जिन्हें निकालने पर रोक लगी है और जो शरण या ग्रीन कार्ड के फैसले का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें एम्प्लॉयमेंट ऑथराइजेशन डॉक्यूमेंट्स मिलेंगे, जिनकी समय सीमा 18 महीने होगी। पहले इसका वैलिडिटी पीरियड 5 साल का होता था। एक अन्य बदलाव में अस्थायी प्रोटेक्टेड स्टेटस (TPS) होल्डर्स, पैरोल पर आए लोगों, पेंडिंग TPS आवेदकों और उनसे जुड़ी कैटेगरी के लिए वर्क परमिट को उनके ऑथराइज्ट स्टे के आधार पर एक साल का उससे कम किया गया है।
