कॉमन लॉ प्रवेश परीक्षा (CLAT) 2026 में भाग लेने वाले दिव्यांग (PwD) उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों (NLUs) के समूह ने अक्टूबर 2025 में लागू किए गए सख्त नियम वापस ले लिए हैं। यह फैसला केंद्रीय सरकार के निर्देश के बाद हुआ, जिसमें कहा गया कि 31 दिसंबर, 2025 तक होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पुराने नियम लागू रहेंगे।
वापस लिए गए दिशानिर्देशों के तहत दिव्यांग उम्मीदवारों को दो घंटे की परीक्षा के लिए 40 मिनट का अतिरिक्त समय मिलेगा। उम्मीदवार अपनी सुविधा से खुद का सहायक (स्राइब) ला सकते हैं या समूह से स्राइब की व्यवस्था करवा सकते हैं। अक्टूबर 2025 में लागू किए गए नियम, जो बहु-सदस्यीय मेडिकल बोर्ड से प्रमाणन, स्राइब की शैक्षिक योग्यता और समयसीमा जैसी कड़ाइयाँ लाते थे, अब हटा दिए गए हैं।
स्नातक स्तर की परीक्षा (यूजी) के लिए स्राइब की योग्यता में बदलाव किया गया है। पहले स्राइब को कक्षा 12 के बाद अधिकतम तीन साल की पढ़ाई पूरी होनी चाहिए थी, जो आमतौर पर कक्षा 10 या 11 में हो। अब नियमों के अनुसार स्राइब कक्षा 11 से अधिक पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए और किसी कोचिंग या परीक्षा तैयारी संस्थान से जुड़ा नहीं होना चाहिए।
स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा (पीजी) के लिए पुराने नियमों में स्राइब को स्नातक के तीसरे या चौथे वर्ष में होना जरूरी था और मानविकी व कानून पृष्ठभूमि के छात्रों को स्राइब बनने से रोका गया था। अब केवल कानून पृष्ठभूमि के छात्रों को स्राइब बनने से रोका गया है, बाकी नियम पहले जैसे ही रहेंगे।
साथ ही, पहले 10 दिनों के भीतर स्राइब की जानकारी देने की बाध्यता हटा दी गई है, जिससे उम्मीदवारों को अधिक सुविधा मिलेगी। अक्टूबर 2025 के दिशानिर्देश तकनीकी सहायता जैसे स्क्रीन रीडर, आवर्धक उपकरण और आवाज़-पहचान तकनीक के प्रयोग को अनिवार्य करने के पक्षधर थे। नए नियमों के अनुसार ये उपकरण केवल अनुमति प्राप्त हैं, अनिवार्य नहीं।
समूह ने CLAT 2026 के स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) भी जारी कर दिए हैं। उम्मीदवार इन्हें समूह की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
इन संशोधनों का उद्देश्य दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए परीक्षा अधिक सुलभ बनाना और प्रशासनिक बोझ को कम करना है।
