युवाओं और किसानों का धामी सरकार ने रखा खास ध्यान, कैबिनेट बैठक के ये बड़े फैसले

Dehradun milap : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कैबिनेट बैठक की. इस बैठक में उत्तराखंड सरकार के सभी मंत्री शामिल हुए. कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने उत्तराखंड की जनता के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धामी सरकार ने कैबिनेट बैठक में 13 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है. धामी सरकार ने खास तौर पर कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड के युवाओं का विशेष ध्यान रखा है. बुधवार को उत्तराखंड सरकार की कैबिनेट बैठक में युवाओं को विदेश में रोजगार मिले इस पर खास चर्चा हुई है. इसको लेकर एक प्रस्ताव भी पास किया गया है. इस प्रस्ताव का नाम मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एव वैश्विक रोजगार योजना है.

विदेशी भाषा सिखाने में सरकार करेगी मदद

उत्तराखंड सरकार की इस खास योजना के तहत अब युवाओं को विदेशों में नौकरी मिलने में आसानी रहेगी. इसके लिए धामी सरकार युवाओं की मदद भी करेगी. सरकार इसके लिए स्किल डेवलपेंट का प्रशिक्षण और विदेशी लैंग्वेज भी सिखाएगी.

सरकार भी उठाएगी युवाओं का कुछ खर्च

इस योजना के तहत सरकार युवाओं को विदेश जाने और ट्रेनिंग में होने वाले खर्च की सहायता राशि का कुछ हिस्सा उन्हें देगी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धामी सरकार 6 महीने की ट्रेनिंग में आने वाले खर्च का 20 फीसद वह खुद देगी. इससे रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं को सरकारी की तरफ से काफी सहायता मिलेगी.

किसानों का भी धामी सरकार ने रखा खास ध्यान

इसके साथी धामी सरकार ने आज की कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. पशुपालन विभाग में जानवरों के डॉक्टरों के लिए उत्तराखंड सरकार 20 प्रतिशत एनपीए देना का निर्णय लिया है. सरकार ने चारा नीति को भी मंजूरी दी है. इससे ग्रामीण इलाकों में पालतू जानवरों रखने वाले किसानों को खासा फायदा होगा.

चारधाम यात्रा यात्रा का होगा सही से मैनजमेंट नियंत्रण

उत्तराखंड सरकार ने पर्टटन विभाग को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा को लेकर भी उचित प्रस्ताव पास किया है. चारधाम की यात्रा में उचित मैनेजमेंट व नियंत्रण संगठन का गठन किया गया है. ये संगठन व मैनेजमेंट चारधाम की यात्रा में श्रद्धालुओं को दी जाने वाली नई सुविधाओं और व्यवस्थाओं को संभालेंगे.

इन अहम बिंदुओं पर कैबिनेट में चर्चा

अतिक्रमण: हर विभाग अपनी जमीन का ऑफलाइन व डिजिटल रिकॉर्ड रखेगा। विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह तय किया जाएगा कि कौन सा अधिकारी कितने किमी दायरे में अतिक्रमण के प्रति जवाबदेह होगा। अतिक्रमण पर नजर रखने के लिए तकनीकी का इस्तेमाल होगा। हर महीने सैटेलाइट तस्वीरें ली जाएंगी। नई सरकारी इमारतें: आमतौर पर शहरों में सरकारी जमीनें शहर से दूर होने पर वहां नए अस्पताल, स्कूल, कॉलेज या विभागों के दफ्तर बन जाते हैं। इससे जनता को असुविधा होती है। लिहाजा, सभी जिलों में जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में साइट सेलेक्शन कमेटी बनेगी। यह कमेटी किसी भी नए सरकारी प्रोजेक्ट के लिए सबसे सुविधाजनक जमीन के बारे में बताएगी। हो सकता है कि वह अधिग्रहण या खरीदने लायक निजी भूमि भी हो।

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