प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई घटना की निंदा करते हुए इसे एक “निंदनीय” कृत्य बताया, जिसने “हर भारतीय को क्रोधित” किया है। इस घटना में एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर जूता फेंका था। उस वकील ने दावा किया था कि मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी से उनका अपमान हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई घटना की निंदा करते हुए इसे एक “निंदनीय” कृत्य बताया, जिसने “हर भारतीय को क्रोधित” किया है। इस घटना में एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर जूता फेंका था। उस वकील ने दावा किया था कि मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी ने “सनातन धर्म” का अपमान किया है।
इस घटना से पूरे राजनीतिक हलकों में आक्रोश फैल गया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल के मुख्यमंत्रियों ने इसे “लोकतंत्र पर सीधा हमला” करार दिया। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत कुछ मुख्यमंत्रियों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह एक दलित जज पर हमला है।
दिल्ली पुलिस सूत्रों के अनुसार, 71 वर्षीय वकील की पहचान राकेश किशोर के रूप में हुई है, जिन्होंने पूछताछ के दौरान दावा किया कि वह खजुराहो मंदिर परिसर में भगवान विष्णु की मूर्ति की पुनर्स्थापना की मांग वाली याचिका पर हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान “सीजेआई की टिप्पणी से नाखुश” थे।
प्रधानमंत्री ने एक्स को ट्वीट किया: “भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई जी से बात की। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की मैं सराहना करता हूँ। यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मज़बूत करने को दर्शाता है।”