अयोध्या के सरयू घाट पर रोशनी बिखेरेंगे आगरा के मिट्टी की दीए, रामनगरी में है विशेष डिमांड

आगरा के कारीगरों द्वारा निर्मित मिट्टी के दीए अयोध्या के सरयू घाट को रोशन करेंगे। इन दीयों की रामनगरी में विशेष मांग है। आगरा से बड़ी संख्या में दीए अयोध्या भेजे जा रहे हैं, जिससे कारीगरों में उत्साह है। ये दीए पारंपरिक तरीके से बने हैं और पर्यावरण के अनुकूल हैं।

दीपावली पर अयोध्या का सरयू घाट लाखों दीपों की रोशनी से जगमग होगा। नगरवासी 26 लाख से अधिक दीपों का दान करेंगे। इस आयोजन में आगरा की भी सहभागिता होगी क्योंकि यहां से भी लाखों मिट्टी के दीए आयोजन के लिए भेजे गए हैं। इतना ही नहीं, दीपावली के पूजन के लिए अयोध्यावासियों में आगरा में तैयार होने वाली मिट्टी की लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियों की भी विशेष मांग है।

आगरा में खंदौली, नामनेर, पचकुइयां, घटिया आजम खां में प्रमुख रूप से मिट्टी की मूर्तियां और दीए बनाने का काम होता है। मिट्टी के दीए प्रमुख रूप से खंदौली में बनाए जाते हैं। साथ ही फिरोजाबाद में भी इनके निर्माण का काम प्रमुखता से होता है।

मूर्ति विक्रेता धीरज कुमार प्रजापति ने बताया कि आगरा मिट्टी के दीयों और मूर्तियों की बड़ी मंडी है। यहां से अयोध्या के साथ कानपुर, लखनऊ, इटावा, वाराणसी, धौलपुर, भरतपुर समेत कई जिलों में माल भेजा जाता है। अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव के लिए आगरा से भी मिट्टी के दीए भेजे जाते हैं। इस वर्ष भी खंदौली, पचकुइयां, घटिया के साथ फिरोजाबाद से बड़ी संख्या में मिट्टी की दीए भेजे गए हैं।

साथ ही वहां यहां तैयार होने वाली मिट्टी की मूर्तियों की भी विशेष मांग है। इनमें भी रंगों से सजाई मिट्टी की मूर्तियों के साथ कपड़ों से शृंगारित मूर्तियों भी शामिल हैं।
मूर्ति विक्रेता सोनू बताते हैं कि इस वर्ष मिट्टी की मूर्तियों में कोलकाता, जयपुर के साथ आगरा में बनी मूर्तियों की विशेष मांग है। टेराकोटा मू्र्तियां अपनी विशेष आभा के लिए मांग में रहती हैं। इन सभी के लिए पहले ही आर्डर प्राप्त हुए थे। माल भेजा जा चुका है। अब स्थानीय स्तर पर बिक्री हो रही है।

साधारण के साथ डिजाइनर दीयों की मांग

दीपावली पर मिट्टी के दीये से प्रकाश करना शुभ माना जाता है। इसके लिए बाजार में विभिन्न प्रकार के दीए उपलब्ध हैं। साधारण दीए जहां 70 से 100 रुपये सैकडा में उपलब्ध हैं। वहीं डिजाइनर दीए 300 से 2600 रुपये सैकड़ा तक के मूल्य में उपलब्ध हैं। वहीं कुछ दीए प्रति पीस के हिसाब से पांच से 50 रुपये में उपलब्ध हैं। इन सभी को खरीदने के लिए लोग पहुंच रहे हैं।

मूर्तियां कर रही लोगों को आकर्षित

दीपावली आते ही स्थानीय स्तर पर भी लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियों की खरीदारी आरंभ हो गई हैं। नामनेर, पचकुइयां, लोहामंडी, बोदला, घटिया, रावतपाड़ा, शाहगंज आदि क्षेत्र में इन मिट्टी की मूर्तियों की दुकाने सज चुकी हैं, जिन्हें खरीदने के लिए ग्राहक पहुंच रहे हैं।

डिजाइनर हटरी विशेष आकर्षण

दीपावली पूजन में मिट्टी की हटरी (घर) के साथ दोपट और चंडौट को भी प्रमुखता से शामिल किया जाता है। अब तक हटरी सामान्य मिट्टी के घर जैसी होती थी, लेकिन इस वर्ष मिट्टी की डिजाइनर हटरी बाजार में उपलब्ध है। इसमें सुंदर व आकर्षक हटरी में लक्ष्मी-गणेश जी भी विराजमान हैं। साथ ही हटरी को विभिन्न तरह से सजाया गया है।

यह बजारा में 200 से 650 रुपये प्रति में उपलब्ध हैं। जबकि सामान्य हटरी 50 रुपये से 120 रुपये तक में उपलब्ध है। वहीं दौपट और चंडौट 40 से 50 रुपये में मिल रही है। साथ ही लक्ष्मी जी के मिट्टी की छोटे-छोटे पैर भी लोगों को बहुत पसंद आ रहे हैं।

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