देहरादून के बी. आर. अम्बेडकर स्टेडियम में ‘विरासत 2025’ महोत्सव कल होगा संपन्न

कला, संस्कृति और लोक परंपरा के रंगों से सराबोर रहा देवभूमि का सबसे बड़ा सांस्कृतिक उत्सव

देहरादून के बी. आर. अम्बेडकर स्टेडियम में चल रहा बहुप्रतीक्षित सांस्कृतिक उत्सव ‘विरासत 2025’ कल अपने समापन दिवस पर पहुँच जाएगा। इस सात दिवसीय महोत्सव ने उत्तराखंड की लोक संस्कृति, कला, संगीत और परंपराओं को एक मंच पर प्रस्तुत कर राजधानी को सांस्कृतिक रंगों में रंग दिया।

महोत्सव का शुभारंभ गत सप्ताह राज्य के सांस्कृतिक मंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया था। उद्घाटन दिवस पर गढ़वाली और कुमाऊँनी लोक नृत्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके बाद पूरे सप्ताह भर देशभर से आए कलाकारों ने लोक संगीत, शास्त्रीय नृत्य, नाट्य प्रदर्शन, चित्रकला और हस्तशिल्प प्रदर्शनी के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

स्टेडियम परिसर में लगे हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों के स्टॉल्स में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रही। वहीं ‘पहाड़ी व्यंजनों का ज़ायका’ सेक्शन ने लोगों को उत्तराखंडी स्वाद से रूबरू कराया। आयोजन समिति के अनुसार, “विरासत 2025” का मुख्य उद्देश्य स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को प्रोत्साहित करना, तथा युवाओं को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ना है।

महोत्सव के समापन समारोह का आयोजन कल शाम किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध लोकगायक, नृत्य दल और सांस्कृतिक संस्थाएं अपनी प्रस्तुतियाँ देंगी। आयोजकों ने बताया कि इस वर्ष दर्शकों का उत्साह और भागीदारी पिछले सभी वर्षों से अधिक रही, जिससे ‘विरासत 2025’ को ऐतिहासिक सफलता मिली है।

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