US: ‘जहां हैं, वहीं रुक जाएं और युद्ध खत्म करें..’, जेलेंस्की के साथ बैठक के बाद यूक्रेन और रूस से बोले ट्रंप

US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात के बाद रूस और यूक्रेन से युद्ध खत्म करने की अपील की। उन्होंने संकेत दिया कि रूस द्वारा कब्जाई गई जमीन उसके पास ही रहने दी जाए। रूस-यूक्रेन जंग कोलेकर ट्रंप का रुख बार-बार बदलता रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमिर जेलेंस्की से लंबी बैठक के बाद कीव और मॉस्को से कहा कि जहां हैं, वहीं रुकजाएं और अपने क्रूर युद्ध को समाप्त करें। पिछले नौ महीनों में इस युद्ध को लेकर ट्रंप की नाराजगी कई बार सामने आ चुकी है, जब से वह दोबारा राष्ट्रपति बने हैं। लेकिन इस बार उन्होंने संकेत दिया कि यक्रेन को वह इलाका छोड़ देना चाहिए जो रूस ने कब्जे में ले लिया है।

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर लिखा, काफी खून बह चुका है। अब जमीन की सीमाएं युद्ध और साहस से तय हो रही हैं। अब उन्हें वहीं रुक जाना चाहिए। दोनों ही पक्ष खुद को विजेता मानें और ऐतिहासिक फैसला करें। बाद में जब ट्रंप फ्लोरिडा पहुंचे (जहां वह साप्ताहांत बिता रहे हैं), तो उन्होंने दोनों देशों से तत्काल युद्ध बंद करने की अपील की और संकेत दिया कि रूस वही जमीन अपने पास रख सकता है, जो उसने यूक्रेन से ले ली है।

ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, आप जंग के मोर्चे की जो स्थिति है, उसी को मानें। वरना मामला बहुत जटिल हो जाएगा। उसी मोर्चे पर रुकें और दोनों पक्ष घर जाएं, अपने परिवारों के पास लौटें, हत्या बंद करें। बस वही होना चाहिए।

ट्रंप का रवैया समय के साथ बदलता रहा है। पहले वह यूक्रेन को जमीन छोड़ने की सलाह दे रहे थे। लेकिन हाल के हफ्तों में उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के प्रति नाराजगी जताई और यूक्रेन की ज्यादा मदद करने की बात करने लगे थे। इसका मतलब है कि ट्रंप की सोच स्थिर नहीं रही। कभी वो यूक्रेन को समर्थन देने की बात करते हैं, तो कभी उसे समझौता करने के लिए कहते हैं।

पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान जेलेंस्की से मुलाकात के बाद ट्रंप ने यहां तक कहा था कि उन्हें लगता है यूक्रेन वो सभी इलाके वापस ले सकता है जो उसने फरवरी 2022 में रूस के हमले के बाद खो दिए। यह ट्रंप का एक बड़ा यू-टर्न था, क्योंकि इससे पहले वह कहते थे कि यूक्रेन को शांति के लिए जमीन छोड़नी होगी।

 

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