ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने क्वाड गठबंधन की बैठक को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इस गठबंधन की बैठक अगले साल की पहली तिमाही के अंदर हो जाएगी। उन्होंने क्वाड की बैठक में हो रही देरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यस्तताओं से जोड़ा।
कुआलालंपुर: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने क्वाड गठबंधन की बैठक अगले वर्ष की पहली तिमाही में होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने चार देशों के इस समूह को एक महत्वपूर्ण मंच बताया। भारत इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाला था, लेकिन जापान में राजनीतिक उथल-पुथल और भारत-अमेरिका संबंधों में गतिरोध की वजह से इस वर्ष इस बैठक की उम्मीद बहुत कम है।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने क्वाड पर क्या कहा
अल्बनीज ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) शिखर सम्मेलन के इतर रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”क्वाड एक महत्वपूर्ण मंच है और हमारे लिए ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान और भारत के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।” ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि अगले साल की पहली तिमाही में बैठक होगी।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी क्वाड बैठक की मेजबानी करने वाले हैं।
ट्रंप की व्यस्तता का दिया हवाला
उन्होंने क्वाड के भविष्य और इस वर्ष इसकी बैठक को लेकर पूछे गए सवाल के उत्तर में कहा कि यह ”शिखर सम्मेलन के लिहाज से व्यस्त मौसम” है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह ”व्यस्त दौर” है।
तीन देशों की यात्रा पर हैं ट्रंप
ट्रंप एशिया के तीन देशों की यात्रा पर हैं। वह आसियान शिखर सम्मेलन के लिए मलेशिया में थे और यहां से वह जापान के लिए रवाना हुए। ट्रंप जापान से दक्षिण कोरिया जाएंगे, जहां एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात प्रस्तावित है।
इस साल नहीं होगी क्वाड की बैठक
इससे पहले अगस्त में, खबरों में दावा किया गया था कि ट्रंप की अब इस साल क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने की कोई योजना नहीं है। इससे अमेरिकी नेता और प्रधानमंत्री मोदी के बीच रिश्तों का संकेत दिया गया था। ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद से नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच रिश्तों में तनाव आ गया है। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को ”अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण” करार दिया है।
