सगाई से कुछ घंटे पहले ही युवक की मौत, गोवा नाइट क्लब अग्निकांड की दुखद कहानी

टिहरी के युवक सतीश राणा की मौत की खबर ने पूरे गांव को शोकाकुल कर दिया। नए साल में उसकी सगाई की तैयारी थी।

गोवा के अरपोरा स्थित नाइट क्लब में शनिवार 6 दिसंबर को आग लगने की घटना में 25 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में नाइट क्लब के मालिक को गिरफ्तार किया गया है। हादसे के मृतकों में उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के चाह गडोलिया गांव के 21 वर्षीय सतीश राणा भी शामिल थे। सतीश राणा नए साल में शादी करने को लेकर बहुत उत्साहित था। उसके पिता और मामा रविवार को होने वाली दुल्हन से मिलकर उसकी सगाई पक्की करने वाले थे, लेकिन उससे ठीक तीन घंटे पहले यह दुखद खबर आई। अब परिजनों की सरकार से मांग है कि सतीश के शव को गांव तक लाने की व्यवस्था करा दे, ताकि उसके गांव में उसका अंतिम संस्कार हो सके।

सतीश राणा के साथ नाइट क्लब के किचन में काम करने वाले उत्तराखंड के चार और लोग जितेंद्र सिंह (24), सुरेंद्र सिंह (35), मनीष सिंह महार (23) और सुमित नेगी (29) भी आग में मारे गए। सतीश के मामा सोहन सिंह ने बताया कि उसने आखिरी बार अपने पिता से तीन दिन पहले बात की थी। शादी के लिए गांव में अपने दो कमरों वाले घर को रेनोवेट करने के प्लान पर बात की थी।

सेना में जाने की तैयारी

सतीश राणा ने स्कूल पूरा करने के बाद आर्मी की तैयारी की। दूसरी कोशिश में रिक्रूटमेंट टेस्ट पास कर लिया, लेकिन जरूरी डॉक्यूमेंट न होने की वजह से वह जॉइन नहीं कर सका। टिहरी गढ़वाल के चंदगल का रहने वाला सतीश राणा, लगभग दो साल पहले समुद्र तटीय राज्य गोवा आने के बाद छह महीने से क्लब में काम कर रहा था।

परिवार के अकेले कमाई करने वाले

सतीश राणा घर में अकेले कमाई करने वाले थे। वह शनिवार रात हुए हादसे में गंभीर रूप से झुलसे थे। कुछ ही देर बात उनकी मौत हो गई। सतीश के मौत की खबर आते ही पूरे इलाके में शोक की लहर फैल गई। परिजनों का कहना है कि वह परिवार में अकेला था। घर की आर्थिक जिम्मेदारी उसके कंधों पर थी। दो बहनों की शादी हो चुकी है। छोटा भाई पढ़ाई कर रहा है। माता-पिता खेती करते हैं। इस हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है।

घटना की जानकारी पर टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात की। उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। विधायक ने कहा कि प्रशासन परिजन के संपर्क में है। आवश्यक मदद मुहैया कराई जाएगी।

कमाई के लिए पहुंचे थे गोवा

जितेंद्र भी टिहरी गढ़वाल से थे। उन्होंने अपने मुश्किलों से जूझ रहे परिवार के लिए एक पक्की इनकम की उम्मीद में सौकुल गांव छोड़ दिया था। उनके चचेरे भाई होशियार सिंह ने कहा कि परिवार गुजारा करने के लिए मुश्किल से जूझ रहा था। सुरेंद्र की जिंदगी भी लगभग इसी प्रकार की थी। 35 साल की उम्र में वह शनिवार को उस बदकिस्मत किचन में शेफ के तौर पर काम कर रहे थे।

पिथौरागढ़ के जमनारी गांव के रहने वाले सुरेंद्र आठ साल से ज्यादा समय से प्रोफेशनल कुक थे। दो साल पहले उनकी शादी हुई थी। अब उनके मौत की खबर ने परिवार को शोक से भर दिया है।

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