चमोली जिले में हर क्षेत्र में कई भालू सक्रिय हैं। गोपेश्वर से लेकर ज्योतिर्मठ, पोखरी विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भालू आए दिन नजर आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सबसे ज्यादा चिंता स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर है।
चमोली जिले में भालू की दहशत थमने का नाम नहीं ले रही है। हर दिन भालू जगह-जगह दिख रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तो कई किमी पैदल चलकर स्कूल पहुंचना पड़ता है ऐसे में वह रास्ते में सीटियां बजाते और शोर मचाकर स्कूल पहुंचते हैं ऐसा ही वह स्कूल से घर पहुंचने के दौरान करते हैं।
बच्चों के घर पहुंचने तक अभिभावकों की चिंता बनी रहती है। जबकि कई जगहों पर अभिभावक बच्चों को समूह बनाकर स्कूल छोड़ने के लिए पहुंचते हैं। चमोली जिले में हर क्षेत्र में कई भालू सक्रिय हैं। गोपेश्वर से लेकर ज्योतिर्मठ, पोखरी विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में भालू आए दिन नजर आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सबसे ज्यादा चिंता स्कूल जाने वाले बच्चों को लेकर है। दशोली विकासखंड के स्यूंण से बच्चे जनता इंटर कॉलेज बेमरू आते हैं, उन्हें करीब चार से पांच किमी पैदल जंगली रास्ते से चलना पड़ता है।
